Thursday, January 17, 2019

Photoshop Introduction (फोटोशॉप परिचय)

Photoshop Introduction (फोटोशॉप परिचय)



यह Adobe कम्‍पनी द्वारा बनाया गया है,  Photoshop नाम आते ही कई प्रकार के अनोखे चिञ दिमाग में आने लगते हैं, और यह सही भी है फोटोशॉप दुनिया में DigitalImaging हेतु प्रयोग किया जाने वाला सबसेPopular Softwere है, फोटोशॉप से कई Incredible तस्‍वीरें बनायी जा सकती है, और बनायी भी जा रही है, जिनके कुछ उदाहरण आप यहॉ देख सकते हैं, अगर आपके अन्‍दर एक कलाकार छिपा है तो Photoshop आपके लिये अनन्‍त संभावनाओं की दुनिया है,  दुनियाभर में Photoshop के द्वारा बहुत से लोग Business भी कर रहे है, और जिससे उनकी अच्‍छी खासी कमाई भी हो रही हैं। अगर आप एक Professionalफोटोग्राफर हैं, और आपका हाथ फोटोशॉप में साफ हो जाता है तो आपके लिये रोजगार के कई अवसर हो सकते हैं या आप घर बैठे अपना Business शुरू कर सकते हैं।


Features of Adobe Photoshop (फोटोशॉप की विशेषतायें)

Photoshop ने Digital Imaging की दुनिया में अब तक का सबसे Popular जगह से ऐसे ही नहीं बनाई है, बल्कि आज तक अन्‍य कोई सॉफ्टवेयर इसकी जगह नहीं ले पाया है, इसका भी एक कारण है, इसका SimpleNavigation, इसका टूलबार व इसके अन्‍यPlugin जो Photoshop को अन्‍यImaging Software से अलग बनाते हैं। यह आपको काम करने की Freedom देता है, इसके Command Shortcuts आपकोSpeed  प्रदान करते हैं, इसके Tools आपके काम को Professional Touch देते हैं, अगर आपमें जरा भी हुनर है, और आप Photoshop को दिल से सीखना चाहते हैं, तो आप अपने लिये घर बैठे कमाई का जरिया बना सकते हैं। लेकिन मेहनत हो आपको ही करनी होगी।



फोटोशॉप एक Graphics और ImagingSoftware है, इसलिये इसको Computerमें चलाने के लिये कुछ System Requirements भी होते हैं, यानी फोटोशॉप को ठीक से चलाने के लिये आपके कम्‍प्‍यूटर में कम से इन हार्डवेयर को होना आवश्‍यक हैा फोटोशॉप Windows xp, Windows 7 पर अच्‍छा काम करता है, लेकिन आप अगरWindows xp से लोअर वर्जन प्रयोग कर रहे हैं, तो फोटोशाप चलाने में परेशानी हो सकती हैा इसके लिये कम से इन्‍टेल P4 2.8 गीगाहटर्ज वाला प्रोसेसर होना आवश्‍यक है तथा आपके कम्‍प्‍यूटर में 512 रैम अवश्‍य होनी चाहिये, वरना आपका कम्‍प्‍यूटर हैंग भी हो सकता हैा  एक और बात अगर आप एकProfessional Work करना चाहते है तों कम से कम 256 MB का एक ग्राफिक्‍स कार्ड अवश्‍य लगा लें।



Photoshop Introduction (फोटोशॉप परिचय)



यह Adobe कम्‍पनी द्वारा बनाया गया है,  Photoshop नाम आते ही कई प्रकार के अनोखे चिञ दिमाग में आने लगते हैं, और यह सही भी है फोटोशॉप दुनिया में DigitalImaging हेतु प्रयोग किया जाने वाला सबसेPopular Softwere है, फोटोशॉप से कई Incredible तस्‍वीरें बनायी जा सकती है, और बनायी भी जा रही है, जिनके कुछ उदाहरण आप यहॉ देख सकते हैं, अगर आपके अन्‍दर एक कलाकार छिपा है तो Photoshop आपके लिये अनन्‍त संभावनाओं की दुनिया है,  दुनियाभर में Photoshop के द्वारा बहुत से लोग Business भी कर रहे है, और जिससे उनकी अच्‍छी खासी कमाई भी हो रही हैं। अगर आप एक Professionalफोटोग्राफर हैं, और आपका हाथ फोटोशॉप में साफ हो जाता है तो आपके लिये रोजगार के कई अवसर हो सकते हैं या आप घर बैठे अपना Business शुरू कर सकते हैं।



मार्जिन गाइड (Margin Guides) -

PageMaker 7.0 Introduction (पेजमेकर परिचय)



पब्लिशिंग के क्षेञ में पेजमेकर सदैव अग्रणी रहा है, पेजमेकर को एल्‍डस कम्‍पनी ने बनाया और बाद में इसे एडोब कॉरपोरेश ने ग्रहण किया, तब से इसकी साख और बढ गयी, वैसे तो पेजमेकर के बहुत से संस्‍करण मार्केट में आये लेकिन पेजमेकर के सॉतवे संस्‍करण या वर्जन में कुछ ऐसे तत्‍व जोडे गये कि इसमें पब्लिशिंग का कार्य बहुत तेजी से होने लगा, इस सॉफ्टवेयर में हम विजिटिंग कार्ड, बायोडाटा, किताबें, मैगजीन, अखबार लैटरपैड, पैम्‍पलेट आदि डिजायन कर सकते हैं

Features of Adobe PageMaker 7.0 (एडोब पेजमेकर की विशेषतायें)

पेजमेकर से पहले के वर्जनों में कुछ ऐसी कमियॉ थी, जिसके कारण वह सफल नहीं हो सके, कम्‍प्‍यूटर की दुनियॉ एक ऐसी जगह है जहॉ हर रोज एक नया प्रयोग होता है, पेजमेकर की इन्‍हीं कमियों को दूर करते हुए एडोब कॉर्पोरेशन में अपना नया वर्जन 7.0 बाजार में प्रस्‍तुत किया, इसमें बहुत सारे बदलाव किये गये, तथा कुछ नये फीचर एड किये गये, इसमें किसी भी पेज का पब्लिकेशन को बनाने के बहुत सारे टैम्‍पलेट एड किये गये जो पेजमेकर को ओपन करते समय ही सामने आ जाते हैं, जिनका प्रयोग करके हम अपनी इच्‍छानुसार कोई भी डिजायन मिनटों में बना सकते हैं, पहली बार टूलबार को पेजमेकर में जोडा गया, इस टूलबार से आप फाइल को सेव, प्रिन्‍ट, टैक्‍स्‍ट फोरमेटिंग तथा स्‍पैलिंग चैक करने के आप्‍शन भी दिये गये, यहॉ तक कि पेजमेकर 7.0 में क्लिप आर्ट को भी जोडा गया, जैसे एम0एस0 वर्ड में क्लिप आर्ट का आप्‍शन दिया गया है, जहॉ से आप पब्लिकेशन में अपना मनपसंद क्लिप आर्ट जोड सकते हो।

User Interface


आज हम पेजमेकर के User Interface के बारे में जानेगें, Pagemaker को जब आप खोलते हैं, तो सबसे पहले यह Screenआपके सामने आती है,

टूलबाक्‍स (Tool Box)- यह Pagemaker में काम करते समय प्रयोग में लाये जाने वाले औजारों (Tools) का एक Box होता है, यहॉ आपको Publication बनाने में Help करने वाले 14 प्रकार केTools Available होते हैं, असल मेंPagemaker में बनी हुई File कोPublication कहा जाता है। इसको सुविधानुसार कहीं भी खिसकाया (Moved)जा सकता है। जब Pagemaker में कोर्इ नया Publication बनाया जाता है या पहले से बने Publication को खोला जाता है। तभी Tool Box में दिये हुए Icons दिखार्इ देने लगते है। यदि किसी कारण से Tool Boxन दिखार्इ न देते तो Window Menu को Open करके Show Tools पर क्लिक करके ही Tool Box के दवाराPagemaker में Publication के Text तथा Graphics की Editing की जा सकती है। 

स्‍टैन्‍डर्ड टूल बार (Standard Tool Bar)- Pagemaker के Menu Bar के ठीक नीचे एक पट्रटी के रूप में StandardTool Bar दिया गया होता है, इसमें ज्‍यादातरUse में आने वाले Top Commands जैसे,NewOpenSavePrint, find आदि कोIcons के रूप में दिये गये होते हैं, जिनको आप Publication में काम करते समय सीधेUse में ला सकते हो। 

रूलर गाइड (Ruler Guides) - Pageकी लम्‍बाई, चौडाई बताने के लिये Rulerguides का Use किया जाता हैा लेकिन जब कि जरूरत पडे इसे भी खिसकाया जा सकता हैा  Ruler guides, Publication के Left और Top होती हैं।


कंट्रोल पैलेट(Control Palette)इसमें Font, Font Sige, Bold, italic, Underline, Line Spacing आदिUsefull आप्‍शन दिये गये होते हैं। जोPublication में काम करते समय किसी भी प्रकार की Editing करने में सहायता करता है। 

पेज बार्डर  (Page Border) - इससेPublication बनाते समय या कुछ टाइप करते समय पेज की स्थिति पता रहती है, यह पेज की बाहरी सीमाओं (Limitations) को दर्शाता है, अगर आपका Type किया गया मैटर Page Border के बाहर चला जाता है, तो वह प्रिन्‍ट निकालते समय नहीं छपता है। 

मार्जिन गाइड (Margin Guides) -जिस प्रकार Page Border से पेज कीLimitations को दर्शाया जाता है, उसकी प्रकार पेज के अन्‍दर अपने Typing Areasको निर्धारित करने के लिये MarginGuides का Use किया जाता है। यह पेज पर नीले रंग से एक पतली रेखा (Thin Line)के रूप में दिखाई देती है।

Slide View ,Outline View ,Slide Sorter View पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे स्लाइड शो Slide View ,Outline View ,Slide Sorter View , Normal View, Slide Show View views(बीवज)

Slide View ,Outline View ,Slide Sorter View

पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे स्लाइड शो Slide View ,Outline View ,Slide Sorter View , Normal View, Slide Show View

  views(बीवज)

स्लाइड को किस view में देखना चाहते है और slides में क्या करने की आवशयकता है। आवशयकता के अनुसार slides  का view  बदलते है।
ये निम्न है। ये सभी  window  के  left & buttom cornor में  icon के रूप में दिखायी देते है। जिससे कि हम आसानी से एक वीव से दूसरे वीव पर Navigate कर सकते है।

(1) Slide View
(2) Outline View
(3) Slide Sorter View
(4) Normal View
(5) Slide Show View

Slide View (स्लाइड वीव):-यह स्लाइड का  default view  है इसमें
Slide को design किया जाता है। इसमें  Text, layout, graphics, drawing इत्यादि  insert कर सकते है। इसकी window इस तरह दिखायी देती है।



Outline View(आउटलाइन वीव):-इस वीव में text & title दिखायी देता है इसमें object & chart नही दिखायी पडते है न ही  insert  कर सकते है इसमें सभी स्लाइड के contents दिखायी देते है। इस view में Automatic Numbring & bulleting  हो जाती है। यह वीव कुछ इस प्रकार दिखायी देता है।



Slide Sorter View(स्लाइड सारटर वीव):- इस वीव में स्लाइडस उस क्रम में दिखायी देती है। जिस क्रम में slide presentation  के समय दिखेगी इस  view में recording, animation, sounds & timings इत्यादि सेट कर सकते है। इस वीव में स्लाइडस का आर्डर भी बदल सकते है। इसमें slide transition और  design template भी apply कर सकते है।  यह वीव कुछ इस तरह से दिखायी पडता है।




Design Template(डिजाइन टेम्पलेट) पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे Design Template(डिजाइन टेम्पलेट),Blank Presentation(ब्लैंक प्रजेन्टेशन),Open An Existing Presentation (ओपेन एन इग्स्टिंग) Slide View ,Outline View ,Slide Sorter View पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे स्लाइड शो Slide View ,Outline View ,Slide Sorter View , Normal View, Slide Show View

Slide View ,Outline View ,Slide Sorter View

पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे स्लाइड शो Slide View ,Outline View ,Slide Sorter View , Normal View, Slide Show View

  views(बीवज)

स्लाइड को किस view में देखना चाहते है और slides में क्या करने की आवशयकता है। आवशयकता के अनुसार slides  का view  बदलते है।
ये निम्न है। ये सभी  window  के  left & buttom cornor में  icon के रूप में दिखायी देते है। जिससे कि हम आसानी से एक वीव से दूसरे वीव पर Navigate कर सकते है।

(1) Slide View
(2) Outline View
(3) Slide Sorter View
(4) Normal View
(5) Slide Show View

Slide View (स्लाइड वीव):-यह स्लाइड का  default view  है इसमें
Slide को design किया जाता है। इसमें  Text, layout, graphics, drawing इत्यादि  insert कर सकते है। इसकी window इस तरह दिखायी देती है।



Outline View(आउटलाइन वीव):-इस वीव में text & title दिखायी देता है इसमें object & chart नही दिखायी पडते है न ही  insert  कर सकते है इसमें सभी स्लाइड के contents दिखायी देते है। इस view में Automatic Numbring & bulleting  हो जाती है। यह वीव कुछ इस प्रकार दिखायी देता है।



Slide Sorter View(स्लाइड सारटर वीव):- इस वीव में स्लाइडस उस क्रम में दिखायी देती है। जिस क्रम में slide presentation  के समय दिखेगी इस  view में recording, animation, sounds & timings इत्यादि सेट कर सकते है। इस वीव में स्लाइडस का आर्डर भी बदल सकते है। इसमें slide transition और  design template भी apply कर सकते है।  यह वीव कुछ इस तरह से दिखायी पडता है।


Design Template(डिजाइन टेम्पलेट)

पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे Design Template(डिजाइन टेम्पलेट),Blank Presentation(ब्लैंक प्रजेन्टेशन),Open An Existing Presentation (ओपेन एन इग्स्टिंग)

Design Template(डिजाइन टेम्पलेट):

इससे कुछ पहले से बने बनाये फार्मैट पडे होते जिसको user चुन सकता है। और उसी फार्मैट में अपनी स्लाइड बना सकता है। 

Blank Presentation(ब्लैंक प्रजेन्टेशन)

इस आपशन से एक  blank  स्लाइड बना सकते है। जो यूजर को एक sketchप्रदान करता है। यह आपशन सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है।

Open An Existing Presentation (ओपेन एन इग्स्टिंग):-

इससे पहले से बनी हुई स्लाइडस खोली जाती है।

Powerpoint(पावरप्वाइन्ट ) पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे MSPOWERPOINT in hindi स्लाइड,ग्राफ,आर्गनाइजेशन चार्ट,मीडिया क्लिप्स,स्पीकर नोटस,हैन्डअउटस MSPOWERPOINTPOWERPOINT खोलने के लिए POWERPOINT खोलने के लिए Autocontent Wizard(आटो कन्टेन्ट विजार्ड POWERPOINT खोलने के लिए

Powerpoint(पावरप्वाइन्ट )

पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे MSPOWERPOINT in hindi स्लाइड,ग्राफ,आर्गनाइजेशन चार्ट,मीडिया क्लिप्स,स्पीकर नोटस,हैन्डअउटस

MSPOWERPOINT

Powerpoint(पावरप्वाइन्ट ):- यह साफ्टवेयर भी  msoffice के अन्दर पाया जाता है। जिसका प्रयोग सूचना को आकर्षित ढंग से पेश किया जाता है। इसमे data animation & sounds लगा सकते है। 
पावरप्वाइन्ट प्रेजेन्टेशन slides, handouts, speaker notes, media clips, object chart का एक समूह होता है।

Slide (स्लाइड):-यह  presentation  का एक भाग होता है। इसके अन्दर  text, object and graphics with animation & sound होता है। जिसका on screen presentation किया जाता हैं।

Hsandsouts(हैन्डअउटस):- यह presentation का printout  होता है। इसमें एक पेज में दो, चार, छः स्लाइडस हो सकती है। यह  prisentation मुख्य रूप से श्रोताओ को दिया जाता है। जिसमे स्लाइड के कन्टेन्टस कम्पनी का नाम प्रेजेन्टस, की तारीख और स्पीकर का नाम होता है।  

Speaker Notes (स्पीकर नोटस):-यह श्रोताओ के सामने print  करने में सहायता करता है। यह श्रोताओ को दिखायी नही देता है।

Media Clips (मीडिया क्लिप्स ):-इसके अन्तर्गत  sound, vedio clips animation  इत्यादि आते है। जिसके प्रयोग  presentation को आकर्षक एवं प्रिय बनाने के लिये किया जाता है।

Organisation Chart (आर्गनाइजेशन चार्ट ):-  यह किसी organization  के  structure को hierarchical manner में  present करने के लिये किया जाता है।

Graph(ग्राफ):- numerical  डाटा की प्रक्र्रति एव व्यवहार को आसानी से समझने के लिए इसका प्रयोग किया जाता हैं जैसे कि bar graph, pie chart & bar chart इत्यादि।


POWERPOINT खोलने के लिए

POWERPOINT खोलने के लिए Autocontent Wizard(आटो कन्टेन्ट विजार्ड

POWERPOINT खोलने के लिए

हम start->all program->mspowerpoint  पर click करते तो  powerpoint  खुल जाता है। और इसकी window screen पर दिखायी देती है। जो नीचे दी गयी है।

Autocontent Wizard(आटो कन्टेन्ट विजार्ड ):- इसकी मदद से step by step यूजर को screens  मिलती जाती है। जहाॅ पर यूजर  input करता जाता है। अन्ततः एक  presention  तैयार हो जाता है।




Powerpoint(पावरप्वाइन्ट )

पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे MSPOWERPOINT in hindi स्लाइड,ग्राफ,आर्गनाइजेशन चार्ट,मीडिया क्लिप्स,स्पीकर नोटस,हैन्डअउटस

MSPOWERPOINT

Powerpoint(पावरप्वाइन्ट ):- यह साफ्टवेयर भी  msoffice के अन्दर पाया जाता है। जिसका प्रयोग सूचना को आकर्षित ढंग से पेश किया जाता है। इसमे data animation & sounds लगा सकते है। 
पावरप्वाइन्ट प्रेजेन्टेशन slides, handouts, speaker notes, media clips, object chart का एक समूह होता है।

Slide (स्लाइड):-यह  presentation  का एक भाग होता है। इसके अन्दर  text, object and graphics with animation & sound होता है। जिसका on screen presentation किया जाता हैं।

Hsandsouts(हैन्डअउटस):- यह presentation का printout  होता है। इसमें एक पेज में दो, चार, छः स्लाइडस हो सकती है। यह  prisentation मुख्य रूप से श्रोताओ को दिया जाता है। जिसमे स्लाइड के कन्टेन्टस कम्पनी का नाम प्रेजेन्टस, की तारीख और स्पीकर का नाम होता है।  

Speaker Notes (स्पीकर नोटस):-यह श्रोताओ के सामने print  करने में सहायता करता है। यह श्रोताओ को दिखायी नही देता है।

Media Clips (मीडिया क्लिप्स ):-इसके अन्तर्गत  sound, vedio clips animation  इत्यादि आते है। जिसके प्रयोग  presentation को आकर्षक एवं प्रिय बनाने के लिये किया जाता है।

Organisation Chart (आर्गनाइजेशन चार्ट ):-  यह किसी organization  के  structure को hierarchical manner में  present करने के लिये किया जाता है।

Graph(ग्राफ):- numerical  डाटा की प्रक्र्रति एव व्यवहार को आसानी से समझने के लिए इसका प्रयोग किया जाता हैं जैसे कि bar graph, pie chart & bar chart इत्यादि।


POWERPOINT खोलने के लिए

POWERPOINT खोलने के लिए Autocontent Wizard(आटो कन्टेन्ट विजार्ड

POWERPOINT खोलने के लिए

हम start->all program->mspowerpoint  पर click करते तो  powerpoint  खुल जाता है। और इसकी window screen पर दिखायी देती है। जो नीचे दी गयी है।

Autocontent Wizard(आटो कन्टेन्ट विजार्ड ):- इसकी मदद से step by step यूजर को screens  मिलती जाती है। जहाॅ पर यूजर  input करता जाता है। अन्ततः एक  presention  तैयार हो जाता है।




Powerpoint(पावरप्वाइन्ट )

पावर पॉइंट सीखे हिन्दी मे MSPOWERPOINT in hindi स्लाइड,ग्राफ,आर्गनाइजेशन चार्ट,मीडिया क्लिप्स,स्पीकर नोटस,हैन्डअउटस

MSPOWERPOINT

Powerpoint(पावरप्वाइन्ट ):- यह साफ्टवेयर भी  msoffice के अन्दर पाया जाता है। जिसका प्रयोग सूचना को आकर्षित ढंग से पेश किया जाता है। इसमे data animation & sounds लगा सकते है। 
पावरप्वाइन्ट प्रेजेन्टेशन slides, handouts, speaker notes, media clips, object chart का एक समूह होता है।

Slide (स्लाइड):-यह  presentation  का एक भाग होता है। इसके अन्दर  text, object and graphics with animation & sound होता है। जिसका on screen presentation किया जाता हैं।

Hsandsouts(हैन्डअउटस):- यह presentation का printout  होता है। इसमें एक पेज में दो, चार, छः स्लाइडस हो सकती है। यह  prisentation मुख्य रूप से श्रोताओ को दिया जाता है। जिसमे स्लाइड के कन्टेन्टस कम्पनी का नाम प्रेजेन्टस, की तारीख और स्पीकर का नाम होता है।  

Speaker Notes (स्पीकर नोटस):-यह श्रोताओ के सामने print  करने में सहायता करता है। यह श्रोताओ को दिखायी नही देता है।

Media Clips (मीडिया क्लिप्स ):-इसके अन्तर्गत  sound, vedio clips animation  इत्यादि आते है। जिसके प्रयोग  presentation को आकर्षक एवं प्रिय बनाने के लिये किया जाता है।

Organisation Chart (आर्गनाइजेशन चार्ट ):-  यह किसी organization  के  structure को hierarchical manner में  present करने के लिये किया जाता है।

Graph(ग्राफ):- numerical  डाटा की प्रक्र्रति एव व्यवहार को आसानी से समझने के लिए इसका प्रयोग किया जाता हैं जैसे कि bar graph, pie chart & bar chart इत्यादि।




Excel : Edit Menu(इडिट मेनू) excel_Edit Menu(इडिट मेनू),paste special(पेस्ट स्पेशल),Fill(फिल),Clear(क्लियर),Delete(डिलीट),Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट),Delete Sheet(डिलीट शीट) Edit Menu(इडिट मेनू

MS Excel : Edit Menu(इडिट मेनू) excel_Edit Menu(इडिट मेनू),paste special(पेस्ट स्पेशल),Fill(फिल),Clear(क्लियर),Delete(डिलीट),Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट),Delete Sheet(डिलीट शीट) Edit Menu(इडिट मेनू ) paste special(पेस्ट स्पेशल):- जब किसी copy या CUT किये गये data को कही दूसरे स्थान पर एक विशिष्ट और उस पर कोई operation के साथ paste करना होता है। तो हम इस option को चुनते है। इसको select करने पर एक dialog box खुलता है। जहाॅ से paste का form & operation का type चुनते है। इसका dialog box नीचे दिया गया है। Fill(फिल):- इससे data को Row या column में एक विशिष्ट pattern से fill करने के लिये प्रयोग किया जाता है। इस आपशन के अन्दर कई sub-option होते है। वे इस प्रकार है। down (डाउन):- इससे data नीचे की ओर fill होता है। up(अप):- इससे data उपर की ओर fill होता है। Right(राइट):-इससे data दाहिने ओर fill होता है। Left(लेफ्ट ):- इससे data बायी ओर fill होता है। Series(सीरीज):- इस आपशन पर click करने से एक नया dialog box खुलता है। जो इस प्रकार है। जिस pattern में fill करना होता है। वह pattern ऊपर दिये गये dialog box से चुन लेते है। Clear(क्लियर):- इस option से selected cell की Information हटायी जाती है। इसके अन्दर निम्न sub option है। (1) All(आल): इससे cell के अन्दर मौजूद सभी जानकारी हट जाती है। (2) Format(फार्मेट):- इससे केवल formatहटाया जाता है। (3) Contents(कन्टेन्टस):- इससे content(data) हटाया जाता है। (4) Comments(कमेन्टस):-इससे comment हटाया जाता है। Delete(डिलीट):- इस आपशन से cell, Row या columnहटाया जाता है। इस पर click करने पर एक dialog box खुलता है। जिसमें से हम एक option select करते है। इसका dialog box इस तरह होता है। Delete Sheet(डिलीट शीट):- इससे पूरी sheet हट जाती है। A Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट):- इससे पूरी sheet moveया copy किया जाता है।

MS Excel : Data Menu Data Menu एम एस एक्सेल डाटा मेनूहिन्दी मे सीखे sort(सार्ट ),Advance Filter(एडवान्स्ड फिल्टर),Pivote Table(पाइवोट टेबल),Consolidation(कन्सोलिडेशन),Table(टेबल)Auto Filter(आटो फिल्टर) MS Excel : Tools Menu (टूल्स मेनू) excel_Tools Menu(टूल्स मेनू) ,Merge Work Book (मर्ज वर्क,बुक),Goal Seek (गोल सींक),Scenario(सीनौरियो ),Auditing (आडिटिंग)

MS Excel : Tools Menu (टूल्स मेनू)

excel_Tools Menu(टूल्स मेनू) ,Merge Work Book (मर्ज वर्क,बुक),Goal Seek (गोल सींक),Scenario(सीनौरियो ),Auditing (आडिटिंग)

Tools Menu(टूल्स मेनू)

Share workbook
इस option के द्वारा वर्कबुक को नेटवर्क या इन्टरनेट के जरिये बहुत सारे user सूचना प्राप्त कर सकते है।

Merge Work Book (मर्ज वर्कबुक):- इस आपशन के द्वारा एक वर्कबुक में change करने पर दूसरी वर्कबुक में भी change merge  हो जाते है। इस प्रकति को merge  वर्कबुक कहते है।

Goal Seek (गोल सींक):- यह एक  data analysing tool है। जिसके माध्यम से लक्ष्य को प्राप्त करने का सही उपाय खोजा जाता है।
process of goal seek:-

1. place cell pointer of result cell
2. tools-> Goal Seek  पर  click करें।
3. change the value of result cell
4-tell reference of corressponding independent cell

उदाहरण के रूप में:- 




ऊपर दी गयी टेबल इन्टरेस्ट  Rs 400/= है। इसे बढा कर Rs 500/= करना चाहते है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिय हम इसके लिये सेल पाॅइन्टर D2 रखेगें और goal seek option  पर क्लिक करेगें तो एक  dialog box खुलेगा
जो इस प्रकार है।



और value 500 लिखेगें और By Reference कालम में $B$2 टाइप करने के बाद ok बटन पर क्लिक करेगें तो रेट लक्ष्य के अनुसार बदल जायंेगा
Scenario(सीनौरियो ):-यह भी एक Analysis tool है। जिसका प्रयोग वहाॅ किया जाता है। जहाॅ पर यह देखना हो कि input data को बदलने पर output पर क्या प्रभाव पडेगा। जैसे कि नीचे दी गयी टेबल में रेट 8 से 9.5 करने से इन्टरेस्ट पर क्या प्रभाव पडेगा।



इसके लिये tools->scenario option पर क्लिक करेगे तो इसका एक dialog box इस तरह खुलेगा



इसमे हमscenario नाम लिखेगे और changing cell में B2 लिख कर ok पर click करेगे



तो यह B2 की value पूछेगा उसमें 9-5 टाइप करेगे और ok button पर click करेगे ।



इसके summary बटन पर click करने से scenario रिर्पोट दिखेगी जिसमे interest बदला हुआ दिखायी देगा।



Auditing (आडिटिंग):- इसके द्वारा cell value की dependency & independency मार्क की जाती है-



MS Excel : Data Menu

Data Menu एम एस एक्सेल डाटा मेनूहिन्दी मे सीखे sort(सार्ट ),Advance Filter(एडवान्स्ड फिल्टर),Pivote Table(पाइवोट टेबल),Consolidation(कन्सोलिडेशन),Table(टेबल)Auto Filter(आटो फिल्टर)

Data Menu 

sort(सार्ट ):- इसके द्वारा डाटा को एक particular कालम के अनुसार ascending या  descending order  में व्यवस्थिति करते है।

Filter(फिल्टर):- इस option को प्रयोग डाटा को ढूढने के लिये किया जाता है। इसके अन्दर दो sub- option  होते है।

(1) Auto Filter
(2) Advance Filter

Auto Filter(आटो फिल्टर):-  इस आपशन का प्रयोग करने से सभी  Header Column में  Combo Box लग जाता है। जिसमें searching tools पाये जाते है। उसमे से  user अपनी जरूरत के अनुसार searching tool  चुनता है। जैसे-



Advance Filter(एडवान्स्ड फिल्टर):- इस option के द्वारा लिस्ट से condition  के अनुसार खोज कर दूसरे स्थान पर  display करते है। इसमे तीन प्रकार की  Range  का प्रयोग होता है।

(1) List Range
(2) Criteria Range
(3) Output Range

(1) List Range (लिस्ट रेन्ज ):-  यह वह रेन्ज होती है। जहाॅ से Records के खोजे जाती है।
(2) Criteria Range(कराइटेरिया रेन्ज ) यह वह range  होती है। जहाॅ पर condition  दी जाती है। इसी condition  के अनुसार लिस्ट रेन्ज से डाटा फिल्टर होता है।
(3) Output Range (आउटपुट रेन्ज ):- यह वह रेन्ज होती है। जहाॅ पर output display होता है। जो  range critera रेन्ज के अनुसार लिस्ट रेन्ज से फिल्टर होते है। वह सभी records  इसी रेन्ज मे प्रिन्ट होता है।

Practicall Approach:-

1 prepare a data list
2 copy header row
3 paste it twice at different location

a. first for criteria range
b. second for output range

   4 set the condition in criteria range for filtering data
   5 set the cell pointer at first cell of list range
   6 select advanced filter option from filter them it  display a dialog box tell criteria range ,output range and  press ok button alter that you will see the filtered records in output range.

उदाहरण के रूप में 








Form(फार्म ):- फार्म आपशन से user interface बनाया जाता है। जिसकी सहायता से डाटा को व्यवस्थिति किया जाता है। फार्म बनाने के सबसे पहले cell pointer को पहली cell में रखा जाता है। और उसके बाद इस आपशन पर click किया जाता है। जैसे कि नीचे दिया गया है।



subtotal(सबटोटल):- यह आपशन वहाॅ पर प्रयोग किया जाता है। जहाॅ पर एक नाम से कइ्र्र रिकार्ड होते है। और वह financial activities से सम्बन्धित हो। जैसे कि एक कम्पनी में कई सेल्समैन कई item अलग-अलग जगहो पर बेचना है। तो वहाॅ पर हर सेल्समैन का total और Grand total निकालने की जरूरत पडती है। इसके लिए सबसे पहले हमें रिकार्ड की ascending order में sort कर लेते है। उसके बाद लिस्ट के select करिये और इस आपशन पर click करे। जैसे कि नीचे दिया गया है।





Validation(वैलिडेशन):- इस आपशन के द्वारा सीट के अन्दर कार्य पद्वति के नियम स्थापित किये जाते है। जैसे कि हम अपनी कम्पनी के employees को 5000 से कम और 10000 के बीच वेतन देते है तो हम यह चाहते है कि salary column में 5000 से कम और 10000 से ज्यादा की Entry user से न हो जाये तो इसके लिये salary column में validation लगा देगे। जैसे कि नीचे दिया गया है।










Table(टेबल):- इस आपशन का प्रयोग वहाॅ किया जाता है। जहाॅ पर financeial परिणाम जानने हो जैसे कि बैंक से लोन ले तो कितने महीने में किस रेट से, कितनी किस्त अदा करनी पडेगी। इसके लिये एक टेबल बना कर देख लेते है। जैसे कि नीचे दिया गया है।




Consolidation(कन्सोलिडेशन):- इस आपशन का प्रयोग वहाॅ पर किया जाता है। जहाॅ पर दो या दो से अधिक Locations की value का total या awerage निकालना हो। जैसे कि नीचे दिया गया है।





Pivote Table(पाइवोट टेबल):- इस आपशन के द्वारा data sheet की summery report तैयार की जाती है। जिसमें किसी विशिष्ट values को column & row wise total एवं grand total प्राप्त कर सकते है। जैसे कि नीचे दिया गया है।










MS Excel : Insert menu (इन्सर्ट) excel_INSERT MENU(इन्सर्ट) ,Chart (चार्टMS Excel : view menu (वीव मेनू) excel_view menu (वीव मेनू),Formula Bar(फार्मूला बार),Custom View(कस्टम वीव) ) MS Excel : Edit Menu(इडिट मेनू) excel_Edit Menu(इडिट मेनू),paste special(पेस्ट स्पेशल),Fill(फिल),Clear(क्लियर),Delete(डिलीट),Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट),Delete Sheet(डिलीट शीट)

MS Excel : Edit Menu(इडिट मेनू) excel_Edit Menu(इडिट मेनू),paste special(पेस्ट स्पेशल),Fill(फिल),Clear(क्लियर),Delete(डिलीट),Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट),Delete Sheet(डिलीट शीट) Edit Menu(इडिट मेनू ) paste special(पेस्ट स्पेशल):- जब किसी copy या CUT किये गये data को कही दूसरे स्थान पर एक विशिष्ट और उस पर कोई operation के साथ paste करना होता है। तो हम इस option को चुनते है। इसको select करने पर एक dialog box खुलता है। जहाॅ से paste का form & operation का type चुनते है। इसका dialog box नीचे दिया गया है। Fill(फिल):- इससे data को Row या column में एक विशिष्ट pattern से fill करने के लिये प्रयोग किया जाता है। इस आपशन के अन्दर कई sub-option होते है। वे इस प्रकार है। down (डाउन):- इससे data नीचे की ओर fill होता है। up(अप):- इससे data उपर की ओर fill होता है। Right(राइट):-इससे data दाहिने ओर fill होता है। Left(लेफ्ट ):- इससे data बायी ओर fill होता है। Series(सीरीज):- इस आपशन पर click करने से एक नया dialog box खुलता है। जो इस प्रकार है। जिस pattern में fill करना होता है। वह pattern ऊपर दिये गये dialog box से चुन लेते है। Clear(क्लियर):- इस option से selected cell की Information हटायी जाती है। इसके अन्दर निम्न sub option है। (1) All(आल): इससे cell के अन्दर मौजूद सभी जानकारी हट जाती है। (2) Format(फार्मेट):- इससे केवल formatहटाया जाता है। (3) Contents(कन्टेन्टस):- इससे content(data) हटाया जाता है। (4) Comments(कमेन्टस):-इससे comment हटाया जाता है। Delete(डिलीट):- इस आपशन से cell, Row या columnहटाया जाता है। इस पर click करने पर एक dialog box खुलता है। जिसमें से हम एक option select करते है। इसका dialog box इस तरह होता है। Delete Sheet(डिलीट शीट):- इससे पूरी sheet हट जाती है। A Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट):- इससे पूरी sheet moveया copy किया जाता है। MS Excel : view menu (वीव मेनू) excel_view menu (वीव मेनू),Formula Bar(फार्मूला बार),Custom View(कस्टम वीव) view menu (वीव मेनू) इस मेनूमें formula bar और custom view के अलावा सभी आपशन वही है। जिनको हमनें msword मे पढा है। Formula Bar(फार्मूला बार):- इस आपशन से formula bar प्रदर्शित या गायब किया जाता है। Custom View(कस्टम वीव):- इस आपशन के द्वारा sheet के अन्दर किसी portion का नाम दिया जाता है। और फिर हम उस नाम के माध्यम से उस जगह पर आसानी से पहुच सकते है। MS Excel : Insert menu (इन्सर्ट) excel_INSERT MENU(इन्सर्ट) ,Chart (चार्ट ) INSERT MENU(इन्सर्ट) Insert menu के अन्दर अबजेक्ट को पेज में इन्सर्ट करने से सम्बन्धित आपशन होते है। cell pointer जहाॅ पर होता है। वह नयी cell ,Row, column, worksheet insert कर सकते है। Chart (चार्ट ):- किसी भी Numerical data का graphical Representation कर सकते है। जैसे कि किसी डाटा का column , bar, pie या Line chart इत्यादि बना सकते है। चार्ट बनाने की विधिः- (1) select the data (2) insert –> chart पर क्लिक करे (3) select type of chart from chart wizard (4) click on next button (5) Give the name of chart, value of x-axis and value of y-axis and then click next button (6) select the place where chart placed 1- as new sheet 2- as object in

MS Excel : Table बनाना सीखें Insert Table (इन्सर्ट-टेबल):- इस option से document MS Excel : menu(मेनू) excel_File Menu(फाइल मेनू),Print Area(प्रिन्ट एरिया ),Clear Print Area(क्लियर प्रिन्ट एरिय) Menu(मेनू) Excel में commands menu में आपशन के रूप में उपलब्ध होती है। commands की प्रक्रति एवं व्यवहार के अनुसार समूहो में बाॅट दिया जाता है। जैसेः- file menu, edit menu, vew menu. इत्यादि।

MS Excel : Table बनाना सीखें Table Tables (टेबल्स ):- msword में जब कभी हमें data को tabular form में लिखना होता है। tables का प्रयोग करते है। इससे data को rows & columns में लिखा जाता है। और इसके data को format करने से सम्बन्धित commands पाये जाते है। वे इस प्रकार है। Insert Table (इन्सर्ट-टेबल):- इस option से document में table बनाते है। इसको select करने पर एक dialog box खुलता है। जिसमें number of rows & no. of columns select या input कर ok button पर करने पर जहाॅ कर cursor होता है वहाॅ पर table बन जाती है। इसका dialog box इस तरह दिखता है। Insert- Row (इनसर्ट रो ) इससे table में एक नई row insert हो जाती है। Insert-Column (इनसर्ट-कलम):- इससे table में एक नया कालम जुड जाता है। Delete-Table(डिलीट-टेबल):- इससे seleted table document से हट जाती है। Delete-Rows(डिलीट-रो ):-इससे selected rowटेबल से हट जाती है। Delete–Column(डिलीट-कालम):-इस आपशन से slected column टेबल से हट जाता है। Select-Table(सेलेक्ट-टेबल):- इसके द्वारा टेबल को select किया जाता है। Select-Row(सेलेक्ट-रो ):-इससे table के अन्दर उस column को select हो जाता है। जहाॅ पर cursor होता है। Merge-Cells(मर्ज सेल्स ):- इसकी सहायता से दो या दो से अधिक selected cells एक मे मिला दिया जाता है। Split Cell(स्पिलिट सेल):- इस commond की सहायता से एक cell में दो या दो से अधिक cells बनायी जाती है। Split Table (स्पलिट टेबल): इससे table को कई भागो में बाॅटा जाता है। जहाॅ पर cursor होता है। वहाॅ से दो भागो में बट जाती है। Table Autoformat (टेबल आटोफारमेट):- इस आपशन के माध्यम से table को format किया जाता है। इसके select करने पर एक dialog box display होता है। जहाॅ पर पहले से बने हुए कुछ format दिखायी देते है। उनमें से format को select करते है table उस format में बदल जाती है। इसको select करने पर dialog box इस तरह दिखायी पड़ता है। Convert (कनवर्टZ):- इस option के द्वारा selected table को text में या table को text में convert किया जाता है। Sort (सार्ट ):- इस आपशन से data को ascanding / descending order में व्यवस्थित किया जाता है। Formula(फार्मूला ):- इस आपशन के द्वारा table के अन्दर मौजूद data कों row wise / column wise या cell wise गणना करने के लिए कुछ formula(सूत्र ) उपलब्ध होते है। जिनका प्रयोग कर हम गणनाएॅ कर सकते है। इसका dialog box इस प्रकार होता है। MS Excel : Table बनाना सीखें Table Tables (टेबल्स ):- msword में जब कभी हमें data को tabular form में लिखना होता है। tables का प्रयोग करते है। इससे data को rows & columns में लिखा जाता है। और इसके data को format करने से सम्बन्धित commands पाये जाते है। वे इस प्रकार है। Insert Table (इन्सर्ट-टेबल):- इस option से document में table बनाते है। इसको select करने पर एक dialog box खुलता है। जिसमें number of rows & no. of columns select या input कर ok button पर करने पर जहाॅ कर cursor होता है वहाॅ पर table बन जाती है। इसका dialog box इस तरह दिखता है। Insert- Row (इनसर्ट रो ) इससे table में एक नई row insert हो जाती है। Insert-Column (इनसर्ट-कलम):- इससे table में एक नया कालम जुड जाता है। Delete-Table(डिलीट-टेबल):- इससे seleted table document से हट जाती है। Delete-Rows(डिलीट-रो ):-इससे selected rowटेबल से हट जाती है। Delete–Column(डिलीट-कालम):-इस आपशन से slected column टेबल से हट जाता है। Select-Table(सेलेक्ट-टेबल):- इसके द्वारा टेबल को select किया जाता है। Select-Row(सेलेक्ट-रो ):-इससे table के अन्दर उस column को select हो जाता है। जहाॅ पर cursor होता है। Merge-Cells(मर्ज सेल्स ):- इसकी सहायता से दो या दो से अधिक selected cells एक मे मिला दिया जाता है। Split Cell(स्पिलिट सेल):- इस commond की सहायता से एक cell में दो या दो से अधिक cells बनायी जाती है। Split Table (स्पलिट टेबल): इससे table को कई भागो में बाॅटा जाता है। जहाॅ पर cursor होता है। वहाॅ से दो भागो में बट जाती है। Table Autoformat (टेबल आटोफारमेट):- इस आपशन के माध्यम से table को format किया जाता है। इसके select करने पर एक dialog box display होता है। जहाॅ पर पहले से बने हुए कुछ format दिखायी देते है। उनमें से format को select करते है table उस format में बदल जाती है। इसको select करने पर dialog box इस तरह दिखायी पड़ता है। Convert (कनवर्टZ):- इस option के द्वारा selected table को text में या table को text में convert किया जाता है। Sort (सार्ट ):- इस आपशन से data को ascanding / descending order में व्यवस्थित किया जाता है। Formula(फार्मूला ):- इस आपशन के द्वारा table के अन्दर मौजूद data कों row wise / column wise या cell wise गणना करने के लिए कुछ formula(सूत्र ) उपलब्ध होते है। जिनका प्रयोग कर हम गणनाएॅ कर सकते है। इसका dialog box इस प्रकार होता है।

MS Excel क्या हैकैसे एक्सेल start करे Starting MsExcel start->all programs->msoffice->excel पर क्लिक करने से excel की एम एस एक्सेल में सम फार्मूला सीखें

MS Excel क्या है MS Excel :- MS Excel एम एस आफिस का एक भाग है जिसे spread sheet package के नाम से जाना जाता है जिसमें data को rows और columns में लिखा जाता है और उसके बाद उस पर किसी भी तरह की calculation कर सकते हैं। जैसे कि mathematical statistical और financial इत्यादि। इसमें data का विश्लेषण कर सकतंे है और उसकी report बना सकते है। इसमें data का graph के रूप में प्रदशित कर सकते है। कैसे एक्सेल start करे Starting MsExcel start->all programs->msoffice->excel पर क्लिक करने से excel की Work Book :- (वर्क बुक) यह Excel का एक document होता है इसके अन्दर 255 work sheet होती है By Default इसमें तीन sheet दिखायी देती है। Spreat sheet (स्प्रेटशीट):- यह Excel document के पंेज होते है इसको worksheet भी कहां जाता है यह grid of cells or grid of rows & columns होता है। इसके अन्दर 65 536 rows और 256 columns होते है। जहां पर rows और columns एक दूसरे को intercept करते है वहां पर एक rectagle area बनता है जिसे Cell कहतें है। Cell excel document का सबसे छोटा एवं महत्वपूर्ण unit है। जिसमें data या information store की जाती है और उस पर किसी भी तरह की गणना कर सकते है हर cell का अपना एक विशिष्ट address या reference no. होता है। जो columns & rows को sequence में लिखने से प्राप्त होता है। Cell Reference(सेल रिफेन्स ) :- हर cell का अपना एक unique address होता है। जिसके माध्यम से cell की value को access किया जाता है। यह 4 प्रकार का होता है। (1) Relative Reference (2) Absolute Reference (3) Relative & Absolute Reference (4) Absolute & Relative Reference 1. Relative Reference(रिलेटिव रिफ्रेन्स ):- यह Reference column & row को sequence में लिखने से प्राप्त होता है। इसमंें एक cell के reference में दूसरी cell का reference पहली cell के अनुसार बदल जाता है। इसका प्रयोग करने से गणनाए करने में आसानी एवं जल्दी हो जाती है। यह cell Reference इस प्रकार लिखा जाता है। जैसे :- a2, b2 & c3 इत्यदि 2. Absolute Reference (आब्सोल्यूट रिफ्रेन्स ):- इसमें reference को doller के साथ में लिया जाता है। इसमें एक cell का Reference दूसरे cell के Reference में बदलता नहीं है। जैसेः- $a$2 ,$b$2 और $c$2 इत्यादि (3) Relative & Absolute Reference(रिलेटिव और अबसोल्युट) :- इसमें column को रिलेटिव और Row को absolute कर दिया जाता है। जिसमें की column दूसरी cell के Reference में बदल जाता है। परन्तु row नहीं बदलती है। जैसेः- a$2 & c$3. etc. 4. Ablolute & Relative Reference (अबसोल्युट और रिलेटिव रिफं्रेस):- इसमें column को absolute & Row को Relative लिखा जाता है। जिसमें की column fix हो जाता है। और Row बदलती है। जैसेः- $A2, $B2, और $C2 इत्यादि। एम एस एक्सेल में सम फार्मूला सीखें आज से एक सप्‍ताह तक हम my big guide पर ms excel formulas with examples बतायेंगें, हमें आशा हैं कि यह आपके अवश्‍य काम आयेगें, इससे पहले हम ms excel का MS एक्सेल 2007 का introduction हिंदी में दे ही चुके हैं, आज हम बतायेंगे कि excel के sum formula के Use कैसे किया जाये, यह बहुत उपयोगी और सरल formula है - सबसे पहले Image 1.1 देखिये यहॉ column & Raw को दर्शाया गया है, इन्‍हीं से मिलकर cell बनता है, ms excel में formulas का प्रयोग करने से पहले याद रखिये कि formula हमेशा cell के लिये लगाया जाता है, उस cell में लिखी संख्‍या से कोई भी हो सकती है। अगर आपको ms excel में sum formula का प्रयोग करना है तो cell में लिखी संख्‍या पर नहीं cell पर ध्‍यान दीजिये - For example - अगर आपको a1 से a4 तक के Cells को जोडना है तो a5 या किसी अन्‍य cell में टाइप कीजिये =SUM(A1:A4) image 1.2 देखिये - आप अलग-अलग cells को अपनी मर्जी के अनुसार भी चुन सकते हैं - जैसे =sum(a1+a2+a4) यहॉ हमने Cell a3 को छोडकर बाकी cell का योग किया है।