Tuesday, January 22, 2019

इंटइंटरनेट से संबधित शब्दावलीरनेट व उसके प्रयोग परिचय (Introduction) इंटरनेट से तात्पर्य एक ऐसे नेटव

इंटइंटरनेट से संबधित शब्दावली

प्रोटोकॉल- यह एक ऐसी मानक औपचारिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से कम्प्यूटर नेटवर्क में अंकीय संचार किया जाता है।
ब्राउजर- यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसकी मदद से यूजर सूचनाओं को प्राप्त करने के लिए इंटरनेट में प्रवेश करता है।
वेब सर्वर- यह प्रोग्राम वेब ब्राउजर के द्वारा संसाधनों को प्राप्त करने के लिए यूजर द्वारा दिए गए अनुरोध को पूरा करता है।
नेटवर्क- कई सिस्टमों को एक साथ जोड़कर बनाए गए संजाल को नेटवर्क क हते हैं। इसके द्वारा एक साथ कई जगहों पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करना संभव है।
आन-लाइन- जब यूजर इंटरनेट पर जान-करियों व सेवाओं का अध्ययन करता है। तब कहा जाता है कि यूजर ऑन लाइन है।
होम पेज- यह किसी भी साइट का शुरूआती प्रदर्शित पेज है। जिसमें सूचनाएं हाईपरलिंक द्वारा जोड़ी जाती है।
ऑफ लाइन- इसमें यूजर इंटरनेट में मौजूद सूचनाओं को अपने अपने सिस्टम में संग्रहित कर इंटरनेट संपर्क काट देता है।
हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैग्वेंज (एचटीएमएल)- इसका प्रयोग वेब पेज बनाने में किया जाता है। शुरूआत में इसका प्रयोग वेब पेज डिजाइन करने में किया जाता था।
हाइपर टेक्स्ट ट्रॉसंफर प्रोटोकॉल- इसका प्रयोग एचटीएमएल में संगृहित दस्तावेजों व दूसरे वेब संसाधनों कों स्थानांतरित करने में किया जाता है।
टीसीपी/आईपी- इसका प्रयोग सूचनाओं के आदान-प्रदान में किया जाता है।
यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर(यूआरएल)-इसका प्रयोग वेब पर किसी विशेष सूचना को संचालित करने में किया जाता है।
वेब पेज- होम पेज पर बने हाइपर लिंक पर क्लिक करने पर जो पेज हमारे सामने प्रस्तुत होता है, उसे वेब पेज कहते हैं।
वेबसाइट- वेब पेजों के समूहों को वेबसाइट कहते हैं। जिसमें आडियो, वीडियों, इमेजेस का समावेश होता है।
हाइपर लिंक- वेब पेज में मौजूद वे विशेष शब्द या चित्र जिस पर क्लिक करने पर उस शब्द या चित्र से सम्बंधित एक अलग वेब पेज पर आ जाती है। उसे वेब पेज को हाइपर लिंक कहते है।
डाउनलोड- इंटरनेट या किसी अन्य कंम्प्यूटर से प्राप्त सूचनाओं को अपने कम्प्यूटर में एकत्रित करना डाउनलोड कहलाता है।
अपलोड- अपने कम्प्यूटर से किसी अन्य कम्प्यूटर में सूचनाएं भेजना अपलोड कहलाता है। जैसे ई-मेल भेजना।
सर्वर- वह कम्प्यूटर जो इंटरनेट प्रयोग करने वाले सिस्टम को सूचनाएं प्रदान करने की क्षमताएं रखता है, सर्वर कहलाता है।
सर्फिंग- इंटरनेट के नेटवर्कों में अहम सूनचाओं को खोजने का काम सर्फिंग कहलाता है।
इंटरनेट एड्रेस-इंटरनेट में प्रयुक्त एड्रेस के मूलभूत हिस्से को डोमेन कहा जाता है। इंटरनेट से जुड़े हर कम्प्यूटर का एक अलग डोमेन होता है। जिसे डोमेन नेम सिस्टम कहते हैं। जिसे 3 भागों में बांटा जा सकता है।
1.जेनेरिक डोमेन
2.कंट्री डोमेन
3.इनवर्स डोमेन

( A )

Abacus: Abacus गणना करने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला अति प्राचीन यंत्र जिससे अंकों को जोड़ा व घटाया दोनों जाता है।
Accessory: यह प्रोसेसिंग के लिए एक आवश्यक संसाधन होते हैं जिन्हें सहायक यन्त्र भी कहा जाता है। जैसे- वेब कैमरा, फ्लापी डिस्क, स्कैनर, पेन ड्राइव आदि
Access Control: सूचना और संसाधनों की की सुरक्षा के लिए प्रयुक्त की गई विधि जिसके द्वारा अनाधिकृत यूजर को सूचना और निर्देशों को पहुंचने से रोकता है।
Access Time: यूजर द्वारा मेमोरी से डाटा प्राप्त करने के लिए दिए गए निर्देश और डाटा प्राप्त होने तक के बीच के समय को Access time कहते हैं।
Accumulator:एक प्रकार का रजिस्टर जो प्रोसेसिंग के दौरान डाटा और निर्देशों को संग्रहीत करता है।
Active Device: वह उपकरण है जिसमें कोई कार्य वैद्युत् प्रवाह द्वारा सम्पादित किया जाता है।
Active Cell: MS Excel में प्रयोग होने वाला वह खाना है, जिसमें यूजर डाटा लिखता है।
Active Window: कम्प्यूटर में उपस्थित वह विंडो, जो यूजर द्वारा वर्तमान समय में सक्रिय है।
Adapter: दो या दो से अधिक उपकरणों या संसाधनों के बीच सामंजस्य बनाने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली युक्ति।
Adder: एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, जिसके द्वारा दो या दो से अधिक संख्याओं को जोड़ा जा सकता है।
Address: वह पहचान चिन्ह जिसके द्वारा डाटा की स्थिति का पता चलता है।
Algorithm: कम्प्यूटर को दिया जाने वाला अनुदेशों का वह क्रम जिसके द्वारा किसी कार्य को पूरा किया जाता है।
Alignment: डाटा में पैराग्राफ को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया।
Alphanumeric: (A-Z) तक के अक्षरों और (0-9) अंकों के समूह को alphanumeric कहते हैं।
Analog: भौतिक राशि की वह मात्रा जो लगातार तरंगीय रूप में परिवर्तित होती है।
Analog Computer: जिस कम्प्यूटर में डाटा भौतिकीय रूप से प्रयुक्त किया जाता है।
Antivirus: कम्प्यूटर का दोषपूर्ण प्रोग्राम अथवा 1द्बह्म्ह्वह्य से होने वाली क्षति को बचाने वाला प्रोग्राम।
Application Software: किसी विशेष कार्य के लिए बनाए गए एक या एक से अधिक प्रोग्रामों का समूह।
Artificial Intelligence: मानव की तरह सोचने, समझने और तर्क करने की क्षमता के विकास को कम्प्यूटर में Artificial Intelligence कहते हैं।
ASCII (American Standard Code For Information Interchange): वह कोड जिसके द्वारा अक्षरों तथा संख्याओं को 8 बिट के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
Assembler: वह प्रोग्राम जो असेम्बली भाषा को मशीनी भाषा में परिवर्तित करता है।
Assembly Language: एक प्रकार की कम्प्यूटर भाषा जिसमें अक्षरों और अंकों को छोटे-छोटे कोड में लिखा जाता है।
Asynchronous: डाटा भेजने की एक पद्घति, जिसमें डाटा को नियमित अन्तराल में अपनी सुविधानुसार भेजा जा सकता है।
Authentication: वह पद्घति, जिसके द्वारा कम्प्यूटर के वैद्यता की पहचान की जाती है।
Auto Cad: एक सॉफ्टवेयर जो रेखा चित्र और ग्राफ स्वत: तैयार करता है।
Audio-Visual: ऐसी सूचना और निर्देश, जिन्हें हम देख सुन सकते हैं पर प्रिंट नहीं निकाल सकते।
Automation: किसी डाटा या सूचना का स्वत: ही प्रोसेस होना।

( B )
BASIC: यह एक उच्चस्तरीय, अत्यन्त उपयोगी व सरल भाषा है, जिसका प्रयोग सभी कम्प्यूटरों में होता है।
Binary: गणना करने के लिए प्रयोग की जाने वाली संख्या प्रणाली।
Bit: बाइनरी अंक (0-1) को संयुक्त रूप से बिट कहा जाता है, यह कम्प्यूटर की सबसे छोटी इकाई है।
Bite: 8 बिटों को सम्मिलित रूप से बाइट कहा जाता है। एक किलोबाइट में 1024 बाइट होती हैं।
Biochop: जैव प्रौद्योगिकी पर आधारित व सिलिकॉन से बनी इस चिप से ही कम्प्यूटर का विकास हो पाया है।
Backbone: कम्प्यूटर नेटवर्क में अन्य कम्प्यूटरों को आपस में जोडऩे वाली मुख्य लाइन।
Background Processing: निम्न प्राथमिकता वाले प्रोग्राम को उच्च प्राथमिकता वाले प्रोग्राम में बदलने की क्रिया।
Back Up: सामान्यत: Back Up कोई भी प्रोग्राम हो सकता है, जिसके द्वारा कम्प्यूटर को खराब होने से बचाया जा सकता है।
Bad Sector: स्टोरेज डिवाइस में वह स्थान जहां पर डाटा लिखा या पढ़ा नहीं जा सकता।
Band Width: डाटा संचरण में प्रयोग की जाने वाली आवृत्ति की उच्चतम और निम्नतम सीमा का अन्तर Band Width कहलाता है।
Base: संख्या पद्वति में अंकों को व्यक्त करने वाले चिन्हों को कहा जाता है।
Batch File: Dos ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोग्राम की वह फाइल जो स्वंय संपादित होती है।
Band: वह इकाई जो डाटा संचारण की गति को मापता है।


1 Band= 1 Bite/sec
Blinking: किसी बिंदु पर कर्सर की स्थिति को Blinking कहते हैं।
Biometric Device: वह डिवाइस जो दो व्यक्तियों के भौतिक गुणों में अंतर कर सकने में सक्षम हो।
Bernoulli Disk: वह चुम्बकीय डिस्क जो रीड व राइट दोनों में ही सक्षम है, डाटा भण्डारण के लिए प्रयोग की जाती है।
Broad Band: कम्प्यूटर नेटवर्क जिसके संचरण की गति 1 मिलियन बिट्स प्रति सेकेण्ड या इससे अधिक होती है।
Browse: जब इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को खोजा जाता है तो उस प्रक्रिया को क्चह्म्श2ह्यद्ग कहते हैं।
Browser: वह साफ्टवेयर जिसके माध्यम से हम इंटरनेट पर अपनी पसंद की वेबसाइट को खोज कर सूचना प्राप्त करते हैं।
Bridge Ware: यह सॉफ्टवेयर हैं जिसके द्वारा कम्प्यूटरों के मध्य सामंजस्य स्थापित किया जाता है।
Bubble Memory: जिसमें डाटा को स्टोर करने के लिए चुम्बकीय माध्यमों का प्रयोग किया जाता है।
Buffer: एक प्रकार की डाटा स्टोरेज डिवाइस है, जो कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार के उपकरणों के बीच डाटा- स्थानन्तरण की गति को एक समान बनाता है।
Burning: वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा क्रह्ररू में डाटा लिखा जाता है।
Bus: एक प्रकार का मार्ग है जो डाटा या इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले कर जाता है।
Blue Tooth: एक लघु रेडियो ट्रांसमीटर होता है जिसके द्वारा सूचनाओं का आदान- प्रदान किया जाता है।
Boot: ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाने वाला सबसे प्रारम्भिक कार्य क्चशशह्ल कहलाता है।
Bug: यह एक प्रकार का श्वह्म्ह्म्शह्म् होता है, जो कम्प्यूटर में उपस्थित प्रोग्रामों में पाया जाता है। क्चह्वद्द को हटाने की प्रक्रिया को ष्ठद्गड्ढह्वद्द कहा जाता है।

(C)
Chip : Chip सामान्यत: सिलिकॉन अथवा अन्य अद्र्घचालकों से बना छोटा टुकड़ा होता है, जिस पर विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बने होते हैं।
Computer Program :किसी कार्य को विधिवत तरीके से पूर्ण करने के लिए कई प्रकार के प्रोग्राम बनाये जाते हैं, जिन्हें Computer Program कहा जाता हैं। सामान्यत:
Computer Program विभिन्न प्रकार की सूचनाओं का समूह होता है।
Cyber Space : Cyber Space द्वारा कम्प्यूटर नेटवर्क में उपस्थित सूचनाओं का आदान-प्रदान पूरे विश्व में किया जाता है।
CD-R/W :इसे विस्तृत रूप से Compact Disk - Read/Write कहा जाता है। यह एक Storage Device है। जिसमें डाटा को बार-बार लिखा तथा पढ़ा जा सकता है।
CD-R : इसे विस्तृत रूप से Compact Disk - Recordable कहा जाता है। इस Storage Device में डाटा केवल पढ़ा जा सकता हैं। लेकिन Store डाटा में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
CD ROM Juke Box : इसे विस्तृत रूप से Compact Disk Read Only Memory Juke Box कहते है। इस Storage Device में अनेक प्रकार की सीडियां, ड्राइव्स, डिस्कस आदि सम्मिलित होती है।
Cell : Row और Column से निर्मित भाग को Cell कहा जाता है।
CPU : इसका विस्तृत रूप Central Processing Unit Processing हैं। यह कम्प्यूटर में होने वाली सभी क्रियाओं की प्रोसेसिंग करता है। यह कम्प्यूटर का दिमाग कहलाता है।
Character Printer : इसकी विशेषता यह है कि यह एक बार में केवल एक ही कैरेक्टर (जैसे-अंक, अक्षर अथवा कोई भी चिन्ह) प्रिन्ट करता हैं।
Chat : इंटरनेट के द्वारा दूर स्थिर अपने मित्र या सगे-सम्बंधियों से वार्तालाप करना, Chat कहलाता हैं।
Channel Map : वह प्रोग्राम, जो अक्षरों, अंकों के समूह को दर्शाता है, Channel Map कहलाता है।
Check Box : वह प्रोग्राम, जिसके द्वारा किसी कार्य को सक्रिय या निष्क्रिय किया जाता हैं। ये प्रोग्राम विण्डोज के GUI (ग्राफिकल यूजर इंटरफेस) में प्रयुक्त किये जाते हैं।
Cladding : Cladding एक अवरोधक सतह होती है। जोकि प्रकाशीय तन्तु के ऊपर लगायी जाती है।
Click : माउस के बटन को दबाना क्लिक" करना कहलाता हैं।
Client Computer : वह कम्प्यूटर, जो नेटवर्क में सर्वर को सेवा प्रदान करता हैं, Client Computer कहलाता है।
Clip Art : कम्प्यूटर में उपस्थित रेखा चित्र का समूह Clip Art : कहलाता है।
Component : यूटलिटी सॉफ्टवेयर के अन्र्तगत प्रयुक्त होने वाले पुर्जे Component कहलाते हैं।
Compile : उच्च स्तरीय तथा निम्न स्तरीय भाषाओं को मशीनी भाषा में बदलना Compile करना कहलाता है।
Compiler : Compiler उच्च स्तरीय भाषा को मशीनी भाषा में बदलने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
Compatible : विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटरों को एक-साथ जोड़कर उनमें सामंजस्य बैठाना।
Communication Protocol : कार्य को सरल तथा सुविधाजनक बनाने के लिए कई प्रकार के नियम बनाये जाते हैं, जिन्हें कम्प्यूटर भाषा में Communication Protocol कहते हैं।
Common Carriers : एक संस्था, जो डाटा संचरण की सुविधा प्रदान करती है।
Command : कम्प्यूटर में किसी कार्य को पूरा करने के लिए जब कोई निर्देश दिया जाता है, तो उसे Command देना कहते हैं।
Cold Fault : कम्प्यूटर पर काम करते-करते अचानक दोष उत्पन्न हो जाना, परन्तु कम्प्यूटर को दोबारा ऑन करने पर दोष का दूर हो जाना Cold Fault कहलाता हैं।
Cold Boot : दिए गए नियमों द्वारा कार्य सम्पन्न करने की विधि Cold Boot कहलाती है
Coding : प्रोग्रामिंग भाषा में अनुदेशों को लिखने की क्रिया Coding कहलाती है।
Co-axial Cable : एक विशेष तार, जिसे डाटा संचरण के लिए प्रयुक्त किया जाता है। Co-axial Cable में एक केन्द्रीय तार तथा उसके चारों ओर तारों की जाली होती है।
Clock : मदरबोर्ड पर स्थित डिजिटल संकेतों को उत्पन्न करने वाली घड़ी।
Clip Board : Clip Board कम्प्यूटर की मेमोरी में आरक्षित वह स्थान होता हैं, जहां किसी भी कार्य को सम्पन्न करने के लिए निर्देश दिए होते हैं।
Composite Video : इसके द्वारा रंगीन आउटपुट प्राप्त होता है।
Computer : गणना करने वाला एक यन्त्र, जो ह्यद्गह्म् द्वारा प्राप्त निर्देशों की प्रोसेसिंग करके उसका उपयुक्त परिणाम आउटपुट डिवाइस के द्वारा प्रदर्शित करता है।
Computer Aided Desin (CAD) : वह सॉफ्टवेयर, जिसका प्रयोग डिजाइन बनाने अथवा डिजाइनिंग करने के लिए किया जाता है।
Computer Aided Manufacturing (CAM) : वह सॉफ्टवेयर, जिसका प्रयोग प्रबन्धक, नियन्त्रक आदि के कार्यों के लिए किया जाता है।
Computer Jargon : Computer Jargon के द्वारा हम किसी भी क्षेत्र तथा भाषा में प्रयुक्त शब्दों की शब्दावली प्राप्त कर सकते हैं।
Computer Literacy : कम्प्यूटर में होने वाले कार्य तथा उन्हें करने का ज्ञान होना Computer Literacy कहलाता है।
Computer Network : दो या दो से अधिक कम्प्यूटरों को एक साथ जोड़कर बनाये जाने वाले यन्त्र को Computer Network कहते हैं।
Computer System : उपकरणों का समूह (जैसे - मॉनीटर, माउस, की-बोर्ड आदि) Computer System कहलाता है।
Console : Console एक प्रकार का टर्मिनल हैं, जो मुख्य कम्प्यूटर से जुड़ा होता है तथा कम्प्यूटर में होने वाले कार्यों पर नियन्त्रण रखता है।
Control Panel : Control Panel एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसके ऊपर बहुत-से बटन लगे होते हैं। इसके द्वारा कार्य का दिशा- निर्देशन होता है।
Cylinder : Cylinder दो या दो से अधिक ट्रैकों का समूह होता है।
Cut : मॉनीटर पर उपस्थित डाटा को डिलीट करने के लिए प्रयुक्त कमाण्ड।
Cursor Control Key  : यह की-बोर्ड में Cursor को नियंत्रित करने के लिए प्रयुक्त Key है। माउस खराब हो जाने पर इस Key का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है।
Cryptography : किसी डाटा तथा निर्देशों को Password के द्वारा संरक्षित कर देने तथा आवश्यकता पडऩे पर पुन: Save किये गये डाटा तथा निर्देश को प्राप्त करने की प्रक्रिया को Cryptographyकहा जाता है।
Corel Draw  : डिजाइन तैयार करने के लिए प्रयोग किये जाने वाले सॉफ्टवेयर को Corel Draw कहा जाता हैं। इसका प्रयोग मुख्यत: DTP (डेस्कटॉप पब्लिशिंग) के लिये किया जाता है।
CD-ROM : यह भण्डारण युक्ति है, जो कि प्लास्टिक की बनी होती है तथा इसमें डाटा लेजर बीम की सहायता से स्टोर किया जाता है। इसकी भण्डारण क्षमता 700 MB (80 मिनट) होती है।
Cursor : टेक्स्ट लिखते समय कम्प्यूटर स्क्रीन पर “Blink” करने वाली खड़ी रेखा को Cursor कहते है।
(D) file name:P1436

1. कम्प्यूटर में प्रयुक्त होने वाला आईसी चिप सिलिकॉन का बना होता है/ **
2. भारत का सिलिकॉन वैली बंगलौर स्थिति है/ **
3. कम्प्यूटर विज्ञान मे पीएचडी करने वाले प्रथम भारतीय डॉ राज रेड्डी है/
4. विश्व का सबसे बड़ा कम्प्यूटर नेटवर्क इंटरनेट है/
5. कम्प्यूटर मे प्रोग्राम की सूची को मेन्यू (Menu) कहा जाता है ?
6. रेलवे मे प्रथम कम्प्यूटर रिजर्वेशन पद्धति नई दिल्ली में लागू की गई थी/
7. गणना संयन्त्र एबाकस (Abacus) का आविष्कार किस चीन में हुआ था/
8. विश्व की प्रथम महिला कम्प्यूटर प्रोग्रामर होने का श्रय एडा ऑगस्टा, (अमेरिका) किसे जाता है/
9. विश्व में सर्वाधिक कम्प्यूटरों वाला देश अ‍मेरिका /
10. द हिन्दु और इंडिया टुडे प्रथम भारतीय पत्र/पत्रिकाएं है जो इंटरनेट पर उपलब्ध हुई/
11. मासायोशी सन को इंटरनेट का सम्राट कहा जाता है ?
12. “मंत्र ऑन लाईन “ देश की पहली अन्तर्राष्ट्रीय इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने वाली कम्पनी है/
13. इंटरनेट पर जनगणना करने वाला विश्व का पहला देश सिंगापुर है/ **
14. विश्व में सबसे कम उम्र के वेब डिजाइनर होने का गौरव अजय पुरी ने प्राप्त किया ?
15. क्रे-1 (Cray-1) विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर है।
16. परम सुपर कम्प्यूटर का विकास पुणे स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग (सी-डेक) के द्वारा किया गया है/ ***
17. कम्प्यूटर में किसी शब्द की लम्बाई बिट्स मे नापी जाती है/
18. इंटरनेट के आविष्कारक डॉ विंट सर्फ माने जाते है/
19. भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की सर्वाधिक संख्या महाराष्ट्र राज्य में है/**
20. डॉ. डगलस इंजेलबार्ट (Dr.Douglas Engelbart) ने 1964 माउस का आविष्कार किया। जो कि लकड़ी का बना था।
21. प्रथम वेब साइट के निर्माण का श्रेय टिम बर्नस ली (Tim Berners Lee) को है। इन्हें World Wide Web का संस्थापक कहा जाता है।
22. बिल गेट्‌स (Bill Gates) तथा पाल एलेन (Paul Allen) ने मिलकर 1975 में माइक्रोसाफ्ट कॉरपोरेशन की स्थापना की।
23. बिलगेट्‌स की प्रसिद्ध पुस्तक 'The Road Ahead' 1995 में लिखी गई। वर्तमान में वे "Bill and Melinda Gates Foundation" द्वारा सामाजिक कार्यों में लगे है।
24. भारत के सबीर भाटिया (Sabeer Bhatia) ने फ्री ईमेल सेवा हॉटमेल (Hotmail) को जन्म दिया।
25. ब्लू टूथ एक बेतार तकनीक (Wireless Technology) है जिसके द्वारा मोबाइल फोन के जरिये कम दूरी में कम्प्यूटर और विभिन्न उपकरणों को जोड़ा जाता है।
26. बैंकों में एटीएम (Automatic Teller Machine) वैन (WAN) का एक उदाहरण है।
27. Wi-Fi का अर्थ है Wireless Fidelity इसका प्रयोग बेतार तकनीक द्वारा कम्प्यूटर के दो उपकरणों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है।
28. WAP (Wireless Access Point) एक युक्ति है जो विभिन्न संचारमाध्यमों को जोड़कर एक बेतार नेटवर्क बनाता है।
29. कम्प्यूटर के Standby Mode में मॉनीटर तथा हार्ड डिस्क ऑफ हो जाता है ताकि कम उर्जा खपत हो। किसी भी बटन को दबाने या माउस क्लिक करने से कम्प्यूटर Standby Mode से बाहर आ जाता है।
30. IBM का पूरा नाम International Business Machine है /
31. Hyper Text एक डाक्यूमेंट है जो उस वेब पेज को दूसरे डाक्यूमेंट केसाथ जोड़ता है। **
32. Blog शब्द Weblog से बना है। Blog किसी व्यक्ति द्वारा निर्मित वेब साइट है जहां वह अपने विचार, अनुभव या जानकारी रख सकता है। इस वेब साइट को पढ़ने वाले अन्य व्यक्ति भी इस विषय पर अपनी टिप्पणी दे सकते हैं।
33. Beta Release किसी साफ्टवेयर या तकनीक की उपयोगिता को परखने के लिए निर्माण के दौरान उसे बाजार में जारी करने को कहा जाता है।
34. पॉप अप (Pop-up) वेब ब्राउजिंगके दौरान स्वयं खुलने वाला विज्ञापनका विण्डो है।
35. की-बोर्ड की संरचना के निर्माण का श्रेय क्रिस्टोफर लॉथम सोल्स (Christopher Latham Sholes) को जाता है।
36. डिजिटल काम्पैक्ट डिस्क (DCD) का आविष्कार 1965 में जेम्स रसेल (James Russell) ने किया।
37. बॉब नोयी (Bob Noyee) तथा गार्डन मूरे (Gordon Moore) ने सम्मिलित रूप से इंटेल (Intel) नामक कम्पनी की स्थापना की।
37. मोटरोला (Motorola) के डॉ. मार्टिन कूपन (Dr. Martin Cooper) ने मोबाइल फोन का आविष्कार किया।
38. जीएसएम (GSM-Global System For Mobile Communication) मोबाइल फोन के लिए प्रयुक्त एक लोकप्रिय मानक है।
39. सीडीएमए (CDMA-Code Division Multiple Access) मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने की व्यवस्था है।
40. कलकुलेटर तथा कम्प्यूटर में अंतर यह है कि कम्प्यूटर को एक साथ कई निर्देश या निर्देशों का समूह दिया जा सकता है तथा यह एक साथ कई कार्य कर सकता है। इसके विपरीत कलकुलेटर को एक साथ एक ही निर्देश दिया जा सकता है।
41. प्रथम व्यावसायिक इंटीग्रेटेड चिप (IC) का निर्माण फेयर चाइल्ड सेमीकण्डक्टर कॉरपोरेशन (Fair Child Semiconductor Corporation) ने 1961 में किया।
42. मॉनीटर का आकार मॉनीटर के विकर्ण (Diagonal) की लम्बाई में मापा जाता है।
43. फ्लापी डिस्क का आविष्कार IBM के वैज्ञानिक एलान शुगार्ट (Alan Shugart) ने 1971 में किया।
44. मानव मस्तिष्क और कम्प्यूटर में सबसे बड़ा अंतर यह है कि कम्प्यूटर की स्वयं की सोचने की क्षमता नहीं होती।
45.HTTP का पूरा नाम Hyper Text Transfer Protocol है /
46.कम्प्यूटर प्लेटफार्म का तात्पर्य कम्प्यूटर में प्रयुक्त आपरेटिंग सिस्टम से है जो अन्य प्रोग्रामों के क्रियान्वयन के लिए आधार तैयार करता है। एक प्लेटफार्म में चलने 00वाले प्रोग्राम सामान्यत: दूसरे प्लेटफार्म में नहीं चलते हैं।
47. अमेरिका के विंटेन कर्फ (Vinten Cerf) को इंटरनेट का जन्मदाता (Father of the Internet) कहा जाता है।
48. नेटीकेट (Netiquette-Net + etiquette) इंटरनेट प्रयोग के समय किये जाने वाले अपेक्षितव्यवहारों और नियमों का समूह है।
49. इंटरनेट का संचालन किसी संस्था या सरकार या प्रशासन के नियंत्रण से मुक्त है।
50. जीपीआरएस (GPRS-General Pocket Radio Service) वायरलेस द्वारा मोबाइलफोन से इंटरनेट सुविधा के प्रयोग की तकनीक है।
51. हाइपर टेक्स्ट (Hyper Text) एक व्यवस्था है जिसके तहत टेक्स्ट, रेखाचित्र व प्रोग्राम आदि को आपस में लिंक किया जा सकता है। इसका विकास टेड नेल्सन (Ted Nelson) ने 1960 में किया।
52. WAP-Wireless Application Protocol मोबाइल फोन द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल के दौरान प्रयोग किये जाने वाले नियमों का समूह है।
53. इंटरनेट फोन कम्प्यूटर और इंटरनेट का प्रयोग कर टेलीफोन कॉल स्थापित करने की प्रक्रिया है।
54. इंटरनेट तथा कम्प्यूटर का प्रयोग कर किये गये अवैध कार्य, जैसे-सुरक्षितफाइलों को देखना और नष्ट करना, वेब पेज में परिवर्तन करना, क्रेडिट कार्ड का गलत इस्तेमाल करना, वायरस जारी करना आदि साइबर (Cyber Crime) कहलाता है।
55. इकॉन (ICANN-Internet Corporation for Assigned Names and Numbers) इंटरनेट पर प्रत्येक कम्प्यूटर के लिए एक विशेष पता देने के उद्देश्य से 1998 में गठित एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है।
56. इमोटीकॉन (Emoticon-emotion + icon) एक या अधिक संकेतों का समुच्चय है जिसके द्वारा इंटरनेट पर किसी विशेष भावना को व्यक्त किया जाता है।
57. एक्स्टानेट (Extranet) एक व्यक्तिगत नेटवर्क है जो व्यवसाय के लिए इंटरनेट तकनीक और सार्वजनिक संचार व्यवस्था का प्रयोग करता है।**
57. हैकर (Hacker) एकव्यक्ति है जो इंटरनेट पर इलेक्टानिक सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर मनोरंजनया उत्सुकतावशगुप्त सूचनाएंप्राप्त करता है।
58. ब्रिटेन के एलान टूरिंग (Alan Turing) सर्वप्रथम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) की विचारधारा रखी। पर इस क्षेत्र में अपने योगदान के कारण जान मैकार्थी (John Mc Carthy) को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Father of Artificial Intelligence) का जनक कहा जाता है।
59. डेस्कटॉप पब्लिशिंग (DTP)का विकास मैकिन्टोस (Macintosh) कम्पनी द्वाराकिया गया।
60. इंटरनेट पर मुफ्त में उपलब्ध विश्व के सबसे बड़े इनसाक्लोपीडिया विकिपीडिया (Wikipedia) की स्थापना जिमी वेल्स (Jimmy Wales) ने किया।
60. बंग्लोर स्थित इंफोसिस टेक्नोलॉजी (Infosys Technology) का प्रारंभ एन. नारायणमूर्ति द्वारा 1981 में किया गया।
61. वर्तमान में विश्व का सबसे तेज सुपर तिआन्हे-2 कम्प्यूटर है/ इसे चीन ने 2013 ने बनाया/ (UPDATED)
62. भारत का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर प्रथ्वी है, जिसे भारतीय उष्ण देशीय मौसम विज्ञान अनुसंधान पुणे(INDIAN INSTITUTE OF TROPICAL METEOROLOGY PUNE) द्वारा किया गया है। (UPDATED)
63. विलियन हिगिनबॉथम (William Higgin Botham) ने 1958 में कम्प्यूटर के प्रथम वीडियो गेम का निर्माण किया।
64. माया II (Maya II) एक DNA कम्प्यूटर है जिसमें सिलिकॉन चिप की जगह DNA धागे का प्रयोग किया गया है।
65. माया (Maya) एक शक्तिशाली त्रिआयामी (3D) साफ्टवेयर है जिसका प्रयोग चलचित्रों और विडियो गेम में विशेष प्रभाव डालने के लिए किया जाता है।
66. एलन टूरिंग (Alan Turing) को आधुनिक कम्प्यूटर विज्ञान का जनक माना जाता है।
67 चार्ल्स बाबेज को कम्प्यूटर का जन्म दाता है/
68. 5, 00, 00,000 लोगों तक पहुँचने में रेडियों को 38 वर्ष लगे और टेलिव्हिजन को 13 वर्ष, जबकि वर्ल्ड वाइड वेब को इसके लिए मात्र 4 वर्ष ही लगे।
69. Symbolics.com सबसे पहले रजिस्टर किया गया डोमेननेम था़।
70. प्रतिमाह दस लाख से भी अधिक डोमेननेम रजिस्टर होते हैं।
71. समस्त संसार में लगभग 1.06 बिलियन इंस्टैंट मैसेजिंग खाते हैं।
72. कम्प्यूटर प्रयोगकर्ता औसत रूप से प्रति मिनट 7 बार पलकें झपकाते हैं जबकि पलकें झपकाने की सामान्य दर 20 बार प्रति मिनट है।
73. ENIAC भारत का पहला सुपर कम्प्यूटर है/
74. COBOL, C/C++, FORTRAN (Formula Translation), PASCAL, prolog, logo, UNIX आदि कम्प्यूटर भाषा है/
75. Dot Matrix, DRUM, LINE printer आदि प्रिंटर है/
76. कम्प्यूटर केवल बइनरी भाषा 0&1 ही समझता है/
77. जोय स्टिक का प्रयोग कम्प्यूटर पर खेल (गेम) खेलने के लिए करते है /
78. कम्प्यूटर मे फ़ंशनल-की F1, F2, F4, F5, F6 … F12. होती है /
79. कम्प्यूटर मे डॉकयूमेंट का डिफाल्ट फाइल नाम .DOC होता है/
80. कम्पाइलर उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language) को मशीनी भाषा मे परिवर्तित करता है/
81. FORTRAN (Formula Translation) पहली उच्च स्तरीय भाषा है, जिसका विकास IBM ने 1957 मे किया था/
82. कोबोल भाषा का प्रयोग व्यवसायिक क्षेत्र मे किया जाता है/
83. भारत मे नई कम्प्यूटर नीति नवम्बर 1984 को लागू हुई/
84. भारत मे निर्मित प्रथम कम्प्यूटर सिद्धार्थ है/
85. 16 अगस्त 1946 को बंगलूर के प्रधान डाक घर पहला कम्प्यूटर लगाया गया /
86. भारत का प्रथम कम्प्यूटरीक्रत डाक घर दिल्ली का है/
87. भारतीय जनता पार्टी भारत की ऐसी पहली राजनीतिक पार्टी है, जिसने इंटरनेट पर अपना वेब साइट बनाया था /

88. चुम्बकीय डिस्क (Magnet Tape) पर आइरन आक्साइट की परत होती है/रनेट व उसके प्रयोग

परिचय (Introduction)

इंटरनेट से तात्पर्य एक ऐसे नेटवर्क से है जो दुनिया भर के लाखों करोड़ों कम्प्यूटरों से जुड़ा है। कहने का मतलब यह है कि किसी नेटवर्क का कोई सिस्टम किसी अन्य नेटवर्क के सिस्टम से जुड़ कर कम्यूनिकेट कर सकता है। अर्थात सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकता है। सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए जिस नियम का प्रयोग किया जाता है उसे ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल या इंटरनेट प्रोटोकॉल (टीसीपी/आईपी) कहा जाता है।

इंटरनेट की सेवाएं

इसकी सेवाओं में कुछ का जिक्र यहां किया जा रहा है-

फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एफ टी पी)-फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल का उपयोग एक कम्प्यूटर नेटवर्क से किसी दूसरे कम्प्यूटर नेटवर्क में फाइलों को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक मेल ई-मेल- इसको संक्षिप्त रूप से ई-मेल कहा जाता है। इस माध्यम के द्वारा बड़ी से बड़ी सूचनाओं व संदेशों को इलेक्ट्रॅनिक प्रणाली द्वारा प्रकश की गति से भेजा या प्राप्त किया जा सकता है। इसके द्वारा पत्र, ग्रीटिंग या सिस्टम प्रोग्राम को दुनिया के किसी भी हिस्से में भेज सकते हं।

गो-फोर- यह एक यूजर फ्रैंडली इंटरफेज है। जिसके जरिए यूजर, इंटरनेट पर प्रोग्राम व सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सकता है। गोफर के द्वारा इंटरनेट की कई सेवाएं आपस में जुड़ी होती है।

वल्र्ड वाइड वेब (www)- इसके द्वारा यूजर अपने या अपनी संस्था आदि से सम्बंधित सूचनाएं दुनिया में कभी भी भेज सकता है, और अन्य यूजर उससे सम्बंधित जानकारियां भी प्राप्त कर सकता है।

टेलनेट- डाटा के हस्तांतरण के लिए टेलनेट का प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा यूजर को रिमोट कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है। इसके बाद यूजर अपने डाटा का हस्तांतरण कर सकता है। टेलनेट पर कार्य करने के लिए यूजर नेम व पास वर्ड की जरूरत होती है।

यूजनेट- अनेक प्रकार की सूचनाओं को एकत्र करने के लिए इंटरनेट के नेटवर्क, यूजनेट का प्रयोग किया जाता है। इसके माध्यम से कोई भी यूजर विभिन्न समूहों से अपने लिए जरूरी सूचनाएं एकत्र कर सकता है।

वेरोनिका- वेरोनिका प्रोटोकॉल गोफर के माध्यम से काम करता है। यूजर, गोफर व वेरोनिका का प्रयोग एक साथ करके किसी भी डाटा बेस पर आसानी से पहुंच सकता है। इनके प्रयोग से जरूरी सूचनाएं तेजी से प्राप्त की जा सकती हैं।

आर्ची- फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एफटीपी) में स्टोर फाइलों को खोजने के लिए आर्ची का प्रयोग किया जाता है।


इंटरनेट से संबधित शब्दावली

प्रोटोकॉल- यह एक ऐसी मानक औपचारिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से कम्प्यूटर नेटवर्क में अंकीय संचार किया जाता है।
ब्राउजर- यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसकी मदद से यूजर सूचनाओं को प्राप्त करने के लिए इंटरनेट में प्रवेश करता है।
वेब सर्वर- यह प्रोग्राम वेब ब्राउजर के द्वारा संसाधनों को प्राप्त करने के लिए यूजर द्वारा दिए गए अनुरोध को पूरा करता है।
नेटवर्क- कई सिस्टमों को एक साथ जोड़कर बनाए गए संजाल को नेटवर्क क हते हैं। इसके द्वारा एक साथ कई जगहों पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करना संभव है।
आन-लाइन- जब यूजर इंटरनेट पर जान-करियों व सेवाओं का अध्ययन करता है। तब कहा जाता है कि यूजर ऑन लाइन है।
होम पेज- यह किसी भी साइट का शुरूआती प्रदर्शित पेज है। जिसमें सूचनाएं हाईपरलिंक द्वारा जोड़ी जाती है।
ऑफ लाइन- इसमें यूजर इंटरनेट में मौजूद सूचनाओं को अपने अपने सिस्टम में संग्रहित कर इंटरनेट संपर्क काट देता है।
हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैग्वेंज (एचटीएमएल)- इसका प्रयोग वेब पेज बनाने में किया जाता है। शुरूआत में इसका प्रयोग वेब पेज डिजाइन करने में किया जाता था।
हाइपर टेक्स्ट ट्रॉसंफर प्रोटोकॉल- इसका प्रयोग एचटीएमएल में संगृहित दस्तावेजों व दूसरे वेब संसाधनों कों स्थानांतरित करने में किया जाता है।
टीसीपी/आईपी- इसका प्रयोग सूचनाओं के आदान-प्रदान में किया जाता है।
यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर(यूआरएल)-इसका प्रयोग वेब पर किसी विशेष सूचना को संचालित करने में किया जाता है।
वेब पेज- होम पेज पर बने हाइपर लिंक पर क्लिक करने पर जो पेज हमारे सामने प्रस्तुत होता है, उसे वेब पेज कहते हैं।
वेबसाइट- वेब पेजों के समूहों को वेबसाइट कहते हैं। जिसमें आडियो, वीडियों, इमेजेस का समावेश होता है।
हाइपर लिंक- वेब पेज में मौजूद वे विशेष शब्द या चित्र जिस पर क्लिक करने पर उस शब्द या चित्र से सम्बंधित एक अलग वेब पेज पर आ जाती है। उसे वेब पेज को हाइपर लिंक कहते है।
डाउनलोड- इंटरनेट या किसी अन्य कंम्प्यूटर से प्राप्त सूचनाओं को अपने कम्प्यूटर में एकत्रित करना डाउनलोड कहलाता है।
अपलोड- अपने कम्प्यूटर से किसी अन्य कम्प्यूटर में सूचनाएं भेजना अपलोड कहलाता है। जैसे ई-मेल भेजना।
सर्वर- वह कम्प्यूटर जो इंटरनेट प्रयोग करने वाले सिस्टम को सूचनाएं प्रदान करने की क्षमताएं रखता है, सर्वर कहलाता है।
सर्फिंग- इंटरनेट के नेटवर्कों में अहम सूनचाओं को खोजने का काम सर्फिंग कहलाता है।
इंटरनेट एड्रेस-इंटरनेट में प्रयुक्त एड्रेस के मूलभूत हिस्से को डोमेन कहा जाता है। इंटरनेट से जुड़े हर कम्प्यूटर का एक अलग डोमेन होता है। जिसे डोमेन नेम सिस्टम कहते हैं। जिसे 3 भागों में बांटा जा सकता है।
1.जेनेरिक डोमेन
2.कंट्री डोमेन
3.इनवर्स डोमेन

( A )

Abacus: Abacus गणना करने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला अति प्राचीन यंत्र जिससे अंकों को जोड़ा व घटाया दोनों जाता है।
Accessory: यह प्रोसेसिंग के लिए एक आवश्यक संसाधन होते हैं जिन्हें सहायक यन्त्र भी कहा जाता है। जैसे- वेब कैमरा, फ्लापी डिस्क, स्कैनर, पेन ड्राइव आदि
Access Control: सूचना और संसाधनों की की सुरक्षा के लिए प्रयुक्त की गई विधि जिसके द्वारा अनाधिकृत यूजर को सूचना और निर्देशों को पहुंचने से रोकता है।
Access Time: यूजर द्वारा मेमोरी से डाटा प्राप्त करने के लिए दिए गए निर्देश और डाटा प्राप्त होने तक के बीच के समय को Access time कहते हैं।
Accumulator:एक प्रकार का रजिस्टर जो प्रोसेसिंग के दौरान डाटा और निर्देशों को संग्रहीत करता है।
Active Device: वह उपकरण है जिसमें कोई कार्य वैद्युत् प्रवाह द्वारा सम्पादित किया जाता है।
Active Cell: MS Excel में प्रयोग होने वाला वह खाना है, जिसमें यूजर डाटा लिखता है।
Active Window: कम्प्यूटर में उपस्थित वह विंडो, जो यूजर द्वारा वर्तमान समय में सक्रिय है।
Adapter: दो या दो से अधिक उपकरणों या संसाधनों के बीच सामंजस्य बनाने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली युक्ति।
Adder: एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, जिसके द्वारा दो या दो से अधिक संख्याओं को जोड़ा जा सकता है।
Address: वह पहचान चिन्ह जिसके द्वारा डाटा की स्थिति का पता चलता है।
Algorithm: कम्प्यूटर को दिया जाने वाला अनुदेशों का वह क्रम जिसके द्वारा किसी कार्य को पूरा किया जाता है।
Alignment: डाटा में पैराग्राफ को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया।
Alphanumeric: (A-Z) तक के अक्षरों और (0-9) अंकों के समूह को alphanumeric कहते हैं।
Analog: भौतिक राशि की वह मात्रा जो लगातार तरंगीय रूप में परिवर्तित होती है।
Analog Computer: जिस कम्प्यूटर में डाटा भौतिकीय रूप से प्रयुक्त किया जाता है।
Antivirus: कम्प्यूटर का दोषपूर्ण प्रोग्राम अथवा 1द्बह्म्ह्वह्य से होने वाली क्षति को बचाने वाला प्रोग्राम।
Application Software: किसी विशेष कार्य के लिए बनाए गए एक या एक से अधिक प्रोग्रामों का समूह।
Artificial Intelligence: मानव की तरह सोचने, समझने और तर्क करने की क्षमता के विकास को कम्प्यूटर में Artificial Intelligence कहते हैं।
ASCII (American Standard Code For Information Interchange): वह कोड जिसके द्वारा अक्षरों तथा संख्याओं को 8 बिट के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
Assembler: वह प्रोग्राम जो असेम्बली भाषा को मशीनी भाषा में परिवर्तित करता है।
Assembly Language: एक प्रकार की कम्प्यूटर भाषा जिसमें अक्षरों और अंकों को छोटे-छोटे कोड में लिखा जाता है।
Asynchronous: डाटा भेजने की एक पद्घति, जिसमें डाटा को नियमित अन्तराल में अपनी सुविधानुसार भेजा जा सकता है।
Authentication: वह पद्घति, जिसके द्वारा कम्प्यूटर के वैद्यता की पहचान की जाती है।
Auto Cad: एक सॉफ्टवेयर जो रेखा चित्र और ग्राफ स्वत: तैयार करता है।
Audio-Visual: ऐसी सूचना और निर्देश, जिन्हें हम देख सुन सकते हैं पर प्रिंट नहीं निकाल सकते।
Automation: किसी डाटा या सूचना का स्वत: ही प्रोसेस होना।

( B )
BASIC: यह एक उच्चस्तरीय, अत्यन्त उपयोगी व सरल भाषा है, जिसका प्रयोग सभी कम्प्यूटरों में होता है।
Binary: गणना करने के लिए प्रयोग की जाने वाली संख्या प्रणाली।
Bit: बाइनरी अंक (0-1) को संयुक्त रूप से बिट कहा जाता है, यह कम्प्यूटर की सबसे छोटी इकाई है।
Bite: 8 बिटों को सम्मिलित रूप से बाइट कहा जाता है। एक किलोबाइट में 1024 बाइट होती हैं।
Biochop: जैव प्रौद्योगिकी पर आधारित व सिलिकॉन से बनी इस चिप से ही कम्प्यूटर का विकास हो पाया है।
Backbone: कम्प्यूटर नेटवर्क में अन्य कम्प्यूटरों को आपस में जोडऩे वाली मुख्य लाइन।
Background Processing: निम्न प्राथमिकता वाले प्रोग्राम को उच्च प्राथमिकता वाले प्रोग्राम में बदलने की क्रिया।
Back Up: सामान्यत: Back Up कोई भी प्रोग्राम हो सकता है, जिसके द्वारा कम्प्यूटर को खराब होने से बचाया जा सकता है।
Bad Sector: स्टोरेज डिवाइस में वह स्थान जहां पर डाटा लिखा या पढ़ा नहीं जा सकता।
Band Width: डाटा संचरण में प्रयोग की जाने वाली आवृत्ति की उच्चतम और निम्नतम सीमा का अन्तर Band Width कहलाता है।
Base: संख्या पद्वति में अंकों को व्यक्त करने वाले चिन्हों को कहा जाता है।
Batch File: Dos ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोग्राम की वह फाइल जो स्वंय संपादित होती है।
Band: वह इकाई जो डाटा संचारण की गति को मापता है।


1 Band= 1 Bite/sec
Blinking: किसी बिंदु पर कर्सर की स्थिति को Blinking कहते हैं।
Biometric Device: वह डिवाइस जो दो व्यक्तियों के भौतिक गुणों में अंतर कर सकने में सक्षम हो।
Bernoulli Disk: वह चुम्बकीय डिस्क जो रीड व राइट दोनों में ही सक्षम है, डाटा भण्डारण के लिए प्रयोग की जाती है।
Broad Band: कम्प्यूटर नेटवर्क जिसके संचरण की गति 1 मिलियन बिट्स प्रति सेकेण्ड या इससे अधिक होती है।
Browse: जब इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को खोजा जाता है तो उस प्रक्रिया को क्चह्म्श2ह्यद्ग कहते हैं।
Browser: वह साफ्टवेयर जिसके माध्यम से हम इंटरनेट पर अपनी पसंद की वेबसाइट को खोज कर सूचना प्राप्त करते हैं।
Bridge Ware: यह सॉफ्टवेयर हैं जिसके द्वारा कम्प्यूटरों के मध्य सामंजस्य स्थापित किया जाता है।
Bubble Memory: जिसमें डाटा को स्टोर करने के लिए चुम्बकीय माध्यमों का प्रयोग किया जाता है।
Buffer: एक प्रकार की डाटा स्टोरेज डिवाइस है, जो कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार के उपकरणों के बीच डाटा- स्थानन्तरण की गति को एक समान बनाता है।
Burning: वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा क्रह्ररू में डाटा लिखा जाता है।
Bus: एक प्रकार का मार्ग है जो डाटा या इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले कर जाता है।
Blue Tooth: एक लघु रेडियो ट्रांसमीटर होता है जिसके द्वारा सूचनाओं का आदान- प्रदान किया जाता है।
Boot: ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाने वाला सबसे प्रारम्भिक कार्य क्चशशह्ल कहलाता है।
Bug: यह एक प्रकार का श्वह्म्ह्म्शह्म् होता है, जो कम्प्यूटर में उपस्थित प्रोग्रामों में पाया जाता है। क्चह्वद्द को हटाने की प्रक्रिया को ष्ठद्गड्ढह्वद्द कहा जाता है।

(C)
Chip : Chip सामान्यत: सिलिकॉन अथवा अन्य अद्र्घचालकों से बना छोटा टुकड़ा होता है, जिस पर विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बने होते हैं।
Computer Program :किसी कार्य को विधिवत तरीके से पूर्ण करने के लिए कई प्रकार के प्रोग्राम बनाये जाते हैं, जिन्हें Computer Program कहा जाता हैं। सामान्यत:
Computer Program विभिन्न प्रकार की सूचनाओं का समूह होता है।
Cyber Space : Cyber Space द्वारा कम्प्यूटर नेटवर्क में उपस्थित सूचनाओं का आदान-प्रदान पूरे विश्व में किया जाता है।
CD-R/W :इसे विस्तृत रूप से Compact Disk - Read/Write कहा जाता है। यह एक Storage Device है। जिसमें डाटा को बार-बार लिखा तथा पढ़ा जा सकता है।
CD-R : इसे विस्तृत रूप से Compact Disk - Recordable कहा जाता है। इस Storage Device में डाटा केवल पढ़ा जा सकता हैं। लेकिन Store डाटा में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
CD ROM Juke Box : इसे विस्तृत रूप से Compact Disk Read Only Memory Juke Box कहते है। इस Storage Device में अनेक प्रकार की सीडियां, ड्राइव्स, डिस्कस आदि सम्मिलित होती है।
Cell : Row और Column से निर्मित भाग को Cell कहा जाता है।
CPU : इसका विस्तृत रूप Central Processing Unit Processing हैं। यह कम्प्यूटर में होने वाली सभी क्रियाओं की प्रोसेसिंग करता है। यह कम्प्यूटर का दिमाग कहलाता है।
Character Printer : इसकी विशेषता यह है कि यह एक बार में केवल एक ही कैरेक्टर (जैसे-अंक, अक्षर अथवा कोई भी चिन्ह) प्रिन्ट करता हैं।
Chat : इंटरनेट के द्वारा दूर स्थिर अपने मित्र या सगे-सम्बंधियों से वार्तालाप करना, Chat कहलाता हैं।
Channel Map : वह प्रोग्राम, जो अक्षरों, अंकों के समूह को दर्शाता है, Channel Map कहलाता है।
Check Box : वह प्रोग्राम, जिसके द्वारा किसी कार्य को सक्रिय या निष्क्रिय किया जाता हैं। ये प्रोग्राम विण्डोज के GUI (ग्राफिकल यूजर इंटरफेस) में प्रयुक्त किये जाते हैं।
Cladding : Cladding एक अवरोधक सतह होती है। जोकि प्रकाशीय तन्तु के ऊपर लगायी जाती है।
Click : माउस के बटन को दबाना क्लिक" करना कहलाता हैं।
Client Computer : वह कम्प्यूटर, जो नेटवर्क में सर्वर को सेवा प्रदान करता हैं, Client Computer कहलाता है।
Clip Art : कम्प्यूटर में उपस्थित रेखा चित्र का समूह Clip Art : कहलाता है।
Component : यूटलिटी सॉफ्टवेयर के अन्र्तगत प्रयुक्त होने वाले पुर्जे Component कहलाते हैं।
Compile : उच्च स्तरीय तथा निम्न स्तरीय भाषाओं को मशीनी भाषा में बदलना Compile करना कहलाता है।
Compiler : Compiler उच्च स्तरीय भाषा को मशीनी भाषा में बदलने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
Compatible : विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटरों को एक-साथ जोड़कर उनमें सामंजस्य बैठाना।
Communication Protocol : कार्य को सरल तथा सुविधाजनक बनाने के लिए कई प्रकार के नियम बनाये जाते हैं, जिन्हें कम्प्यूटर भाषा में Communication Protocol कहते हैं।
Common Carriers : एक संस्था, जो डाटा संचरण की सुविधा प्रदान करती है।
Command : कम्प्यूटर में किसी कार्य को पूरा करने के लिए जब कोई निर्देश दिया जाता है, तो उसे Command देना कहते हैं।
Cold Fault : कम्प्यूटर पर काम करते-करते अचानक दोष उत्पन्न हो जाना, परन्तु कम्प्यूटर को दोबारा ऑन करने पर दोष का दूर हो जाना Cold Fault कहलाता हैं।
Cold Boot : दिए गए नियमों द्वारा कार्य सम्पन्न करने की विधि Cold Boot कहलाती है
Coding : प्रोग्रामिंग भाषा में अनुदेशों को लिखने की क्रिया Coding कहलाती है।
Co-axial Cable : एक विशेष तार, जिसे डाटा संचरण के लिए प्रयुक्त किया जाता है। Co-axial Cable में एक केन्द्रीय तार तथा उसके चारों ओर तारों की जाली होती है।
Clock : मदरबोर्ड पर स्थित डिजिटल संकेतों को उत्पन्न करने वाली घड़ी।
Clip Board : Clip Board कम्प्यूटर की मेमोरी में आरक्षित वह स्थान होता हैं, जहां किसी भी कार्य को सम्पन्न करने के लिए निर्देश दिए होते हैं।
Composite Video : इसके द्वारा रंगीन आउटपुट प्राप्त होता है।
Computer : गणना करने वाला एक यन्त्र, जो ह्यद्गह्म् द्वारा प्राप्त निर्देशों की प्रोसेसिंग करके उसका उपयुक्त परिणाम आउटपुट डिवाइस के द्वारा प्रदर्शित करता है।
Computer Aided Desin (CAD) : वह सॉफ्टवेयर, जिसका प्रयोग डिजाइन बनाने अथवा डिजाइनिंग करने के लिए किया जाता है।
Computer Aided Manufacturing (CAM) : वह सॉफ्टवेयर, जिसका प्रयोग प्रबन्धक, नियन्त्रक आदि के कार्यों के लिए किया जाता है।
Computer Jargon : Computer Jargon के द्वारा हम किसी भी क्षेत्र तथा भाषा में प्रयुक्त शब्दों की शब्दावली प्राप्त कर सकते हैं।
Computer Literacy : कम्प्यूटर में होने वाले कार्य तथा उन्हें करने का ज्ञान होना Computer Literacy कहलाता है।
Computer Network : दो या दो से अधिक कम्प्यूटरों को एक साथ जोड़कर बनाये जाने वाले यन्त्र को Computer Network कहते हैं।
Computer System : उपकरणों का समूह (जैसे - मॉनीटर, माउस, की-बोर्ड आदि) Computer System कहलाता है।
Console : Console एक प्रकार का टर्मिनल हैं, जो मुख्य कम्प्यूटर से जुड़ा होता है तथा कम्प्यूटर में होने वाले कार्यों पर नियन्त्रण रखता है।
Control Panel : Control Panel एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसके ऊपर बहुत-से बटन लगे होते हैं। इसके द्वारा कार्य का दिशा- निर्देशन होता है।
Cylinder : Cylinder दो या दो से अधिक ट्रैकों का समूह होता है।
Cut : मॉनीटर पर उपस्थित डाटा को डिलीट करने के लिए प्रयुक्त कमाण्ड।
Cursor Control Key  : यह की-बोर्ड में Cursor को नियंत्रित करने के लिए प्रयुक्त Key है। माउस खराब हो जाने पर इस Key का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है।
Cryptography : किसी डाटा तथा निर्देशों को Password के द्वारा संरक्षित कर देने तथा आवश्यकता पडऩे पर पुन: Save किये गये डाटा तथा निर्देश को प्राप्त करने की प्रक्रिया को Cryptographyकहा जाता है।
Corel Draw  : डिजाइन तैयार करने के लिए प्रयोग किये जाने वाले सॉफ्टवेयर को Corel Draw कहा जाता हैं। इसका प्रयोग मुख्यत: DTP (डेस्कटॉप पब्लिशिंग) के लिये किया जाता है।
CD-ROM : यह भण्डारण युक्ति है, जो कि प्लास्टिक की बनी होती है तथा इसमें डाटा लेजर बीम की सहायता से स्टोर किया जाता है। इसकी भण्डारण क्षमता 700 MB (80 मिनट) होती है।
Cursor : टेक्स्ट लिखते समय कम्प्यूटर स्क्रीन पर “Blink” करने वाली खड़ी रेखा को Cursor कहते है।
(D) file name:P1436

1. कम्प्यूटर में प्रयुक्त होने वाला आईसी चिप सिलिकॉन का बना होता है/ **
2. भारत का सिलिकॉन वैली बंगलौर स्थिति है/ **
3. कम्प्यूटर विज्ञान मे पीएचडी करने वाले प्रथम भारतीय डॉ राज रेड्डी है/
4. विश्व का सबसे बड़ा कम्प्यूटर नेटवर्क इंटरनेट है/
5. कम्प्यूटर मे प्रोग्राम की सूची को मेन्यू (Menu) कहा जाता है ?
6. रेलवे मे प्रथम कम्प्यूटर रिजर्वेशन पद्धति नई दिल्ली में लागू की गई थी/
7. गणना संयन्त्र एबाकस (Abacus) का आविष्कार किस चीन में हुआ था/
8. विश्व की प्रथम महिला कम्प्यूटर प्रोग्रामर होने का श्रय एडा ऑगस्टा, (अमेरिका) किसे जाता है/
9. विश्व में सर्वाधिक कम्प्यूटरों वाला देश अ‍मेरिका /
10. द हिन्दु और इंडिया टुडे प्रथम भारतीय पत्र/पत्रिकाएं है जो इंटरनेट पर उपलब्ध हुई/
11. मासायोशी सन को इंटरनेट का सम्राट कहा जाता है ?
12. “मंत्र ऑन लाईन “ देश की पहली अन्तर्राष्ट्रीय इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने वाली कम्पनी है/
13. इंटरनेट पर जनगणना करने वाला विश्व का पहला देश सिंगापुर है/ **
14. विश्व में सबसे कम उम्र के वेब डिजाइनर होने का गौरव अजय पुरी ने प्राप्त किया ?
15. क्रे-1 (Cray-1) विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर है।
16. परम सुपर कम्प्यूटर का विकास पुणे स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग (सी-डेक) के द्वारा किया गया है/ ***
17. कम्प्यूटर में किसी शब्द की लम्बाई बिट्स मे नापी जाती है/
18. इंटरनेट के आविष्कारक डॉ विंट सर्फ माने जाते है/
19. भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की सर्वाधिक संख्या महाराष्ट्र राज्य में है/**
20. डॉ. डगलस इंजेलबार्ट (Dr.Douglas Engelbart) ने 1964 माउस का आविष्कार किया। जो कि लकड़ी का बना था।
21. प्रथम वेब साइट के निर्माण का श्रेय टिम बर्नस ली (Tim Berners Lee) को है। इन्हें World Wide Web का संस्थापक कहा जाता है।
22. बिल गेट्‌स (Bill Gates) तथा पाल एलेन (Paul Allen) ने मिलकर 1975 में माइक्रोसाफ्ट कॉरपोरेशन की स्थापना की।
23. बिलगेट्‌स की प्रसिद्ध पुस्तक 'The Road Ahead' 1995 में लिखी गई। वर्तमान में वे "Bill and Melinda Gates Foundation" द्वारा सामाजिक कार्यों में लगे है।
24. भारत के सबीर भाटिया (Sabeer Bhatia) ने फ्री ईमेल सेवा हॉटमेल (Hotmail) को जन्म दिया।
25. ब्लू टूथ एक बेतार तकनीक (Wireless Technology) है जिसके द्वारा मोबाइल फोन के जरिये कम दूरी में कम्प्यूटर और विभिन्न उपकरणों को जोड़ा जाता है।
26. बैंकों में एटीएम (Automatic Teller Machine) वैन (WAN) का एक उदाहरण है।
27. Wi-Fi का अर्थ है Wireless Fidelity इसका प्रयोग बेतार तकनीक द्वारा कम्प्यूटर के दो उपकरणों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है।
28. WAP (Wireless Access Point) एक युक्ति है जो विभिन्न संचारमाध्यमों को जोड़कर एक बेतार नेटवर्क बनाता है।
29. कम्प्यूटर के Standby Mode में मॉनीटर तथा हार्ड डिस्क ऑफ हो जाता है ताकि कम उर्जा खपत हो। किसी भी बटन को दबाने या माउस क्लिक करने से कम्प्यूटर Standby Mode से बाहर आ जाता है।
30. IBM का पूरा नाम International Business Machine है /
31. Hyper Text एक डाक्यूमेंट है जो उस वेब पेज को दूसरे डाक्यूमेंट केसाथ जोड़ता है। **
32. Blog शब्द Weblog से बना है। Blog किसी व्यक्ति द्वारा निर्मित वेब साइट है जहां वह अपने विचार, अनुभव या जानकारी रख सकता है। इस वेब साइट को पढ़ने वाले अन्य व्यक्ति भी इस विषय पर अपनी टिप्पणी दे सकते हैं।
33. Beta Release किसी साफ्टवेयर या तकनीक की उपयोगिता को परखने के लिए निर्माण के दौरान उसे बाजार में जारी करने को कहा जाता है।
34. पॉप अप (Pop-up) वेब ब्राउजिंगके दौरान स्वयं खुलने वाला विज्ञापनका विण्डो है।
35. की-बोर्ड की संरचना के निर्माण का श्रेय क्रिस्टोफर लॉथम सोल्स (Christopher Latham Sholes) को जाता है।
36. डिजिटल काम्पैक्ट डिस्क (DCD) का आविष्कार 1965 में जेम्स रसेल (James Russell) ने किया।
37. बॉब नोयी (Bob Noyee) तथा गार्डन मूरे (Gordon Moore) ने सम्मिलित रूप से इंटेल (Intel) नामक कम्पनी की स्थापना की।
37. मोटरोला (Motorola) के डॉ. मार्टिन कूपन (Dr. Martin Cooper) ने मोबाइल फोन का आविष्कार किया।
38. जीएसएम (GSM-Global System For Mobile Communication) मोबाइल फोन के लिए प्रयुक्त एक लोकप्रिय मानक है।
39. सीडीएमए (CDMA-Code Division Multiple Access) मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने की व्यवस्था है।
40. कलकुलेटर तथा कम्प्यूटर में अंतर यह है कि कम्प्यूटर को एक साथ कई निर्देश या निर्देशों का समूह दिया जा सकता है तथा यह एक साथ कई कार्य कर सकता है। इसके विपरीत कलकुलेटर को एक साथ एक ही निर्देश दिया जा सकता है।
41. प्रथम व्यावसायिक इंटीग्रेटेड चिप (IC) का निर्माण फेयर चाइल्ड सेमीकण्डक्टर कॉरपोरेशन (Fair Child Semiconductor Corporation) ने 1961 में किया।
42. मॉनीटर का आकार मॉनीटर के विकर्ण (Diagonal) की लम्बाई में मापा जाता है।
43. फ्लापी डिस्क का आविष्कार IBM के वैज्ञानिक एलान शुगार्ट (Alan Shugart) ने 1971 में किया।
44. मानव मस्तिष्क और कम्प्यूटर में सबसे बड़ा अंतर यह है कि कम्प्यूटर की स्वयं की सोचने की क्षमता नहीं होती।
45.HTTP का पूरा नाम Hyper Text Transfer Protocol है /
46.कम्प्यूटर प्लेटफार्म का तात्पर्य कम्प्यूटर में प्रयुक्त आपरेटिंग सिस्टम से है जो अन्य प्रोग्रामों के क्रियान्वयन के लिए आधार तैयार करता है। एक प्लेटफार्म में चलने 00वाले प्रोग्राम सामान्यत: दूसरे प्लेटफार्म में नहीं चलते हैं।
47. अमेरिका के विंटेन कर्फ (Vinten Cerf) को इंटरनेट का जन्मदाता (Father of the Internet) कहा जाता है।
48. नेटीकेट (Netiquette-Net + etiquette) इंटरनेट प्रयोग के समय किये जाने वाले अपेक्षितव्यवहारों और नियमों का समूह है।
49. इंटरनेट का संचालन किसी संस्था या सरकार या प्रशासन के नियंत्रण से मुक्त है।
50. जीपीआरएस (GPRS-General Pocket Radio Service) वायरलेस द्वारा मोबाइलफोन से इंटरनेट सुविधा के प्रयोग की तकनीक है।
51. हाइपर टेक्स्ट (Hyper Text) एक व्यवस्था है जिसके तहत टेक्स्ट, रेखाचित्र व प्रोग्राम आदि को आपस में लिंक किया जा सकता है। इसका विकास टेड नेल्सन (Ted Nelson) ने 1960 में किया।
52. WAP-Wireless Application Protocol मोबाइल फोन द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल के दौरान प्रयोग किये जाने वाले नियमों का समूह है।
53. इंटरनेट फोन कम्प्यूटर और इंटरनेट का प्रयोग कर टेलीफोन कॉल स्थापित करने की प्रक्रिया है।
54. इंटरनेट तथा कम्प्यूटर का प्रयोग कर किये गये अवैध कार्य, जैसे-सुरक्षितफाइलों को देखना और नष्ट करना, वेब पेज में परिवर्तन करना, क्रेडिट कार्ड का गलत इस्तेमाल करना, वायरस जारी करना आदि साइबर (Cyber Crime) कहलाता है।
55. इकॉन (ICANN-Internet Corporation for Assigned Names and Numbers) इंटरनेट पर प्रत्येक कम्प्यूटर के लिए एक विशेष पता देने के उद्देश्य से 1998 में गठित एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है।
56. इमोटीकॉन (Emoticon-emotion + icon) एक या अधिक संकेतों का समुच्चय है जिसके द्वारा इंटरनेट पर किसी विशेष भावना को व्यक्त किया जाता है।
57. एक्स्टानेट (Extranet) एक व्यक्तिगत नेटवर्क है जो व्यवसाय के लिए इंटरनेट तकनीक और सार्वजनिक संचार व्यवस्था का प्रयोग करता है।**
57. हैकर (Hacker) एकव्यक्ति है जो इंटरनेट पर इलेक्टानिक सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर मनोरंजनया उत्सुकतावशगुप्त सूचनाएंप्राप्त करता है।
58. ब्रिटेन के एलान टूरिंग (Alan Turing) सर्वप्रथम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) की विचारधारा रखी। पर इस क्षेत्र में अपने योगदान के कारण जान मैकार्थी (John Mc Carthy) को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Father of Artificial Intelligence) का जनक कहा जाता है।
59. डेस्कटॉप पब्लिशिंग (DTP)का विकास मैकिन्टोस (Macintosh) कम्पनी द्वाराकिया गया।
60. इंटरनेट पर मुफ्त में उपलब्ध विश्व के सबसे बड़े इनसाक्लोपीडिया विकिपीडिया (Wikipedia) की स्थापना जिमी वेल्स (Jimmy Wales) ने किया।
60. बंग्लोर स्थित इंफोसिस टेक्नोलॉजी (Infosys Technology) का प्रारंभ एन. नारायणमूर्ति द्वारा 1981 में किया गया।
61. वर्तमान में विश्व का सबसे तेज सुपर तिआन्हे-2 कम्प्यूटर है/ इसे चीन ने 2013 ने बनाया/ (UPDATED)
62. भारत का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर प्रथ्वी है, जिसे भारतीय उष्ण देशीय मौसम विज्ञान अनुसंधान पुणे(INDIAN INSTITUTE OF TROPICAL METEOROLOGY PUNE) द्वारा किया गया है। (UPDATED)
63. विलियन हिगिनबॉथम (William Higgin Botham) ने 1958 में कम्प्यूटर के प्रथम वीडियो गेम का निर्माण किया।
64. माया II (Maya II) एक DNA कम्प्यूटर है जिसमें सिलिकॉन चिप की जगह DNA धागे का प्रयोग किया गया है।
65. माया (Maya) एक शक्तिशाली त्रिआयामी (3D) साफ्टवेयर है जिसका प्रयोग चलचित्रों और विडियो गेम में विशेष प्रभाव डालने के लिए किया जाता है।
66. एलन टूरिंग (Alan Turing) को आधुनिक कम्प्यूटर विज्ञान का जनक माना जाता है।
67 चार्ल्स बाबेज को कम्प्यूटर का जन्म दाता है/
68. 5, 00, 00,000 लोगों तक पहुँचने में रेडियों को 38 वर्ष लगे और टेलिव्हिजन को 13 वर्ष, जबकि वर्ल्ड वाइड वेब को इसके लिए मात्र 4 वर्ष ही लगे।
69. Symbolics.com सबसे पहले रजिस्टर किया गया डोमेननेम था़।
70. प्रतिमाह दस लाख से भी अधिक डोमेननेम रजिस्टर होते हैं।
71. समस्त संसार में लगभग 1.06 बिलियन इंस्टैंट मैसेजिंग खाते हैं।
72. कम्प्यूटर प्रयोगकर्ता औसत रूप से प्रति मिनट 7 बार पलकें झपकाते हैं जबकि पलकें झपकाने की सामान्य दर 20 बार प्रति मिनट है।
73. ENIAC भारत का पहला सुपर कम्प्यूटर है/
74. COBOL, C/C++, FORTRAN (Formula Translation), PASCAL, prolog, logo, UNIX आदि कम्प्यूटर भाषा है/
75. Dot Matrix, DRUM, LINE printer आदि प्रिंटर है/
76. कम्प्यूटर केवल बइनरी भाषा 0&1 ही समझता है/
77. जोय स्टिक का प्रयोग कम्प्यूटर पर खेल (गेम) खेलने के लिए करते है /
78. कम्प्यूटर मे फ़ंशनल-की F1, F2, F4, F5, F6 … F12. होती है /
79. कम्प्यूटर मे डॉकयूमेंट का डिफाल्ट फाइल नाम .DOC होता है/
80. कम्पाइलर उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language) को मशीनी भाषा मे परिवर्तित करता है/
81. FORTRAN (Formula Translation) पहली उच्च स्तरीय भाषा है, जिसका विकास IBM ने 1957 मे किया था/
82. कोबोल भाषा का प्रयोग व्यवसायिक क्षेत्र मे किया जाता है/
83. भारत मे नई कम्प्यूटर नीति नवम्बर 1984 को लागू हुई/
84. भारत मे निर्मित प्रथम कम्प्यूटर सिद्धार्थ है/
85. 16 अगस्त 1946 को बंगलूर के प्रधान डाक घर पहला कम्प्यूटर लगाया गया /
86. भारत का प्रथम कम्प्यूटरीक्रत डाक घर दिल्ली का है/
87. भारतीय जनता पार्टी भारत की ऐसी पहली राजनीतिक पार्टी है, जिसने इंटरनेट पर अपना वेब साइट बनाया था /
88. चुम्बकीय डिस्क (Magnet Tape) पर आइरन आक्साइट की परत होती है/



महत्वपूर्ण प्रोग्रामिंग भाषाएं परिचय (Introductionलो-लेवल लैंग्वेज (Low Level Language हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषाओं को भी उनकी प्रकृति के अनुसार दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है।

महत्वपूर्ण प्रोग्रामिंग भाषाएं

परिचय (Introduction)
कम्प्यूटर एक मशीन है और वह हमारी बोलचाल की भाषा को समझ नहीं सकता। इसके लिए प्रोग्राम, विशेष प्रकार की भाषा में लिखे जाते हैं। इन भाषाओं को प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के नाम से जानते हैं। आजकल ऐसी सैकड़ों भाषाएं प्रचलन में हैं। ये भाषाएं कम्प्यूटर और प्रोग्रामर के बीच संपर्क या फिर संवाद स्थापित करने का काम करती हैं। कम्प्यूटर उन्हीं के माध्यम से दिए गए निर्देशों को समझकर काम करता है। कम्प्यूटर द्वारा किए जाने वाले अलग अलग कार्यों के लिए अलग-अलग तरह की लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें कुछ प्रमुख प्रोग्रामिंग लैंग्वेज इस प्रकार हैं-

लो-लेवल लैंग्वेज (Low Level Languages)
वे लैंग्वेज जो कम्प्यूटर की आंतरिक कार्यप्रणाली को ध्यान में रखकर बनाई गई हंै लो लेवल लैंग्वेज कहलाती हैं। इसमें प्रोग्राम लिखने वाले व्यक्ति को कम्प्यूटर की आंतरिक क्रिया प्रणाली की जानकारी होना आवश्यक है। इसको निम्न स्तरीय लैंग्वेज इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रोग्राम लिखना पूरी तरह से उस कम्प्यूटर पर निर्भर करता है जिस पर यह लिखा जा रहा है। इस लैंग्वेज को पुन: दो अन्य भाषाओं में बांटा जा सकता है।

1. मशीन लैंग्वेज (Machine Languages) -
कम्यूटर एक मशीन है जो केवल विद्युत संकेतों को ही समझ सकती है। इन विद्युत संकेतों को ऑफ या 0(शून्य) व ऑन या 1(एक) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इन अंको के बायनरी अंक कहते हैं। कम्प्यूटर केवल इन बाइनरी अंकों में दिए गए निर्देशों को समझ सकता है। इन बाइनरी अंको से बनी लैंग्वेज को हम मशीन लैंग्वेज कहते हैं। जैसे- 0100100011100110011.......

2. असेंबली लैंग्वेज (Assembly Languages) -
अंसेबली लैंग्वेज वे भाषाएं होती हैं जो पूरी तरह से मशीन लैंग्वेज पर आधारित होती हैं। लेकिन इनमें 0 व 1 की सीरीज के स्थान पर अंग्रेजी के कुछ अक्षरों व कुछ चुने हुए शब्दों का कोड के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इन कोडों को नेमोनिक कोड या शाब्दिक कोड के नाम से जाना जाता है।
3. हाई लेवल लैंग्वेज (High Level Languages) -
जैसा कि लो-लेवल लैंग्वेज के लिए बताया गया कि प्रोग्राम लिखने के लिए कम्प्यूटर की आंतरिक कार्यप्रणाली का ज्ञान होना जरूरी है। दूसरा प्रत्येक कम्प्यूटर की अपनी अलग मशीनी भाषा और असेम्बली भाषा होती है। अत: एक तरह के कम्प्यूटर के लिए इन भाषाओं में लिखा गया प्रोग्राम दूसरी तरह के कम्प्यूटरों के लिए बेकार हो जाता है। अत: ऐसी प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास किया गया जो सिस्टम की आंतरिक कार्यप्रणाली पर आधारित न हो और जिनमें लिखे गए प्रोग्रामोंको किसी भी प्रकार के सिस्टम पर चलाना संभव हो। इन भाषाओं को हाई लेवल भाषा कहा जाता है। हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषा में इंग्लिश के चुने हुए शब्दों व साधारण गणित में प्रयोग किए जाने वाले चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इन भाषाओं में प्रोग्राम लिखना उनमे गलतियों का पता लगाना और उनको सुधारना लो लेवल भाषा की तुलना में आसान होता है। सभी प्रोग्राम हाई लेवल भाषा मे ही लिखे जाते हैं।

हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषाओं को भी उनकी प्रकृति के अनुसार दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है।

1. विधि अभिमुखी भाषाएं (Procedure Oriented Languages)
2. समस्या अभिमुखी भाषाएं (Problem Oriented Languages)
प्रमुख हाई लेवल लैंग्वेज:
1. बेसिक
2. फोरट्रॉन
3. लोगो
4. कोबोल
5. पास्कल
6. सी
7. सी++
8. अल्गोल
9. कोमाल
10. पायलट
11.स्नोबॉल
12. प्रोलॉग
13. फोर्थ जेनरेशन लैग्वेज (4जीएल)

कम्प्यूटर वायरस परिचय (Introduction)

कम्प्यूटर वायरस

परिचय (Introduction)
कम्प्यूटर वायरस अपने आप कम्प्यूटर में आ जाने वाला प्रोग्राम कोड होता है, जो बाहरी स्रोत द्वारा तैयार किया जाता है। दुनिया का पहला कम्प्यूटर वायरस Elk Cloner था, जो 'इन द वाइल्ड' ने प्रकट किया था। यह कम्प्यूटर वायरस एप्पल डॉस 3.3 ऑपरेटिंग सिस्टम में फ्लॉपी डिस्क के जरिए फैलता है। कम्प्यूटर वायरस हमारे कम्प्यूटर में तबाही लाने वाला प्रोग्राम होता है, जो आपकी फाइलों और ऑपरेटिंग सिस्टम में उपस्थित सूचनाओं को बिना आपकी जानकारी अथवा चेतावनी के नुकसान पहुंचाता है। कम्प्यूटर वायरस के फैलने का सबसे आसान जरिया नेटवर्क, इंटरनेट और ई-मेल का बढ़ता हुआ उपयोग है। आमतौर पर कम्प्यूटर वायरस आपके कम्प्यूटर में निम्न प्रकार से आ सकता है-

 
1. संक्रमित प्रोग्राम के उपयोग से
2. संक्रमित फाइल के उपयोग से
3. संक्रमित फ्लापी डिस्क के साथ डिस्क ड्राइव में कम्प्यूटर बूट करने से
4. पाइरेटेड सॉफ्टवेयर के उपयोग से

 
कम्प्यूटर वायरस अपने आप जेनरेट नहीं होते, बल्कि ये वायरस लोगों द्वारा पूरी सूझ-बूझ से तैयार किए गए प्रोग्राम होते हैं। कुछ लोग इसे अपने कम्प्यूटर की सुरक्षा के लिए प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे विध्वंस मचाने के लिए तैयार करते हैं। कम्प्यूटर वायरस के प्रकार
वायरस कई प्रकार के होते हैं, परन्तु अधिकांश वायरस को मुख्यत: तीन भागों में बांटा गया है-

1. बूट सेक्टर
2. फाइल वायरस
3. मैक्रो वायरस

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिसमाइक्रोसॉफ्ट वर्ड 2. माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल 3. माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस 4. माइक्रोसॉफ्ट पॉवर प्वाइंट

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस

परिचय (Introduction)
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस परस्पर संबंधित डेस्कटॉप अनुप्रयोगों और सेवाओं का समूह है, जिसे सामूहिक रूप से ऑफिस सूट कहा जाता है। माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस सर्वप्रथम सन् 1989 में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा मैक- OS के लिए शुरू किया गया। उसके पश्चात सन् 1990 में विंडोज के लिए प्रथम संस्करण लाया गया। माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 3.0 ऑफिस सूट का विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रथम संस्करण था। उसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 4.3, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 95, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2000, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस ङ्गक्क तथा माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 3003, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2010 हैं। माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के अंतर्गत मुख्यत: चार प्रोग्राम आते हैं-

1. माइक्रोसॉफ्ट वर्ड
2. माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल
3. माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस
4. माइक्रोसॉफ्ट पॉवर प्वाइंट

 
एमएस ऑफिस के ये प्रोग्राम अलग-अलग प्रकार के कार्यों को करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं, लेकिन इन सभी की कार्यप्रणाली लगभग एक जैसी है। जिसमें किसी एक प्रोग्राम पर कार्य करना सीखने के बाद अन्य प्रोग्रामों को सीखना सरल हो जाता है। यही नही एमएस ऑफिस के एक प्रोग्राम से दूसरे प्रोग्राम में कोई चित्र, सामग्री या सूचनाएं लाना ले जाना अत्यन्त सरल है इसलिए इनसे हर प्रकार के मिश्रित कार्य का भी कम्प्यूटरीकरण किया जा सकता है।
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड (Microsoft Word)--
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित वर्ड प्रोसेसर है। इसका मुख्य कार्य दस्तावेज को संचालित करना है। यह एक वर्ड प्रोसेसिंग पैकेज है, जिसकी सहायता से साधारण दैनिक पत्र व्यवहार से लेकर डेस्कटॉप पब्लिशिंग स्तर के कार्य सुविधापूर्वक किए जा सकते हैं। इसमें परम्परागत मेन्युओं के साथ ही टूल बार की सुविधा भी उपलब्ध है। जैसे- कॉपी करना, कट करना, जोडऩा, खोजना एवं बदलना, फॉन्ट, स्पेलिंग एंड ग्रामर की जॉच करना, बुलेट्स तथा नंबरिंग आदि। माइक्रोसॉफ्ट वर्ड 2007 तथा 2010 में दस्तावेजों को विभिन्न भाषाओं में अनुवादित करने की सुविधा भी उपलब्ध है।

Inkjet प्रिंटर Inkjet प्रिंटर एक अपेक्षाकृत नई तकनीक पर आधारित गैर प्रभाव चरित्र प्रिंटर हैं.

प्रिंटर

प्रिंटर कागज पर जानकारी मुद्रित करने के लिए प्रयोग किया जाता है जो सबसे महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस है.

Inkjet प्रिंटर

Inkjet प्रिंटर एक अपेक्षाकृत नई तकनीक पर आधारित गैर प्रभाव चरित्र प्रिंटर हैं. वे कागज पर स्याही की छोटी बूंदों के छिड़काव से अक्षर मुद्रित. Inkjet प्रिंटर प्रदर्शन विशेषताओं के साथ उच्च गुणवत्ता के उत्पादन का उत्पादन.
कोई चोट किया जाता है क्योंकि वे कम शोर करते हैं और इन उपलब्ध प्रिंटिंग मोड के कई शैलियों है. रंगीन छपाई भी संभव है. इंकजेट प्रिंटर के कुछ मॉडल भी छपाई की कई प्रतियां उत्पादन कर सकते हैं.

लाभ
उच्च गुणवत्ता मुद्रण
अधिक विश्वसनीय
नुकसान
प्रति पृष्ठ लागत अधिक है के रूप में महंगा
लेजर प्रिंटर के लिए की तुलना के रूप में धीमा

प्रभाव प्रिंटर

रिबन के खिलाफ हड़ताली द्वारा और कागज पर अक्षर मुद्रित कि प्रिंटर, प्रभाव प्रिंटर कहा जाता है.
प्रभाव प्रिंटर के लक्षण अनुसरण कर रहे हैं
  1. बहुत कम उपभोज्य लागत
  2. प्रभाव प्रिंटर बहुत शोर कर रहे हैं
  3. कम लागत की वजह से थोक मुद्रण के लिए उपयोगी
  4. एक छवि का निर्माण करने के लिए कागज के साथ शारीरिक संपर्क नहीं है
ये प्रिंटर दो प्रकार के होते हैं
  1. चरित्र प्रिंटर
  2. रेखा प्रिंटर

चरित्र प्रिंटर

चरित्र प्रिंटर एक समय में एक चरित्र प्रिंट जो प्रिंटर हैं.
ये आगे दो प्रकार के होते हैं
  1. डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (DMP)
  2. डेज़ी चक्र

डॉट - मैट्रिक्स प्रिंटर

बाजार में सबसे लोकप्रिय प्रिंटर में से एक है क्योंकि मुद्रण सुविधाओं और किफायती कीमत के अपने आसानी के डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर है. मुद्रित प्रत्येक चरित्र डॉट के पैटर्न के रूप में है और सिर में यह कहा जाता है, यही वजह है कि एक चरित्र के लिए फार्म बाहर आता है जो आकार के पिंस के एक मैट्रिक्स (5 * 7, 7 * 9, 9 * 7 या 9 * 9) के होते हैं डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर.

लाभ

  1. सस्ता
  2. व्यापक रूप से इस्तेमाल
  3. अन्य भाषा के अक्षर मुद्रित किया जा सकता है
  4. नुकसान
  5. धीमी गति
  6. खराब गुणवत्ता




डेज़ी चक्र

हेड यह डेज़ी व्हील प्रिंटर कहा जाता है क्यों कि डेज़ी की पंखुड़ियों (फूल नाम) की तरह हैं पात्रों को इसी एक पहिया और पिंस पर झूठ बोल रही है. ये प्रिंटर आम तौर पर कुछ पत्र बहुत अच्छी गुणवत्ता के प्रतिनिधित्व के साथ यहाँ और वहाँ भेज करने की आवश्यकता होती है, जो कार्यालयों में शब्द संसाधन के लिए उपयोग किया जाता है.

लाभ
डीएमपी की तुलना में अधिक विश्वसनीय
बेहतर गुणवत्ता
चरित्र का फोंट आसानी से बदला जा सकता है.
नुकसान
डीएमपी की तुलना में धीमी
शोर
डीएमपी की तुलना में महंगा
 



रेखा प्रिंटर

रेखा प्रिंटर एक बार में एक पंक्ति मुद्रित जो प्रिंटर हैं.



ये आगे दो प्रकार के होते हैं
प्रिंटर ड्रम
श्रृंखला प्रिंटर



प्रिंटर ड्रम

यह ड्रम प्रिंटर कहा जाता है तो यह प्रिंटर आकार में एक ड्रम की तरह है. ड्रम की सतह पटरियों की संख्या में विभाजित है. कुल पटरियों 132 अक्षरों का एक कागज चौड़ाई के लिए कागज यानी के आकार के बराबर हैं, ड्रम 132 पटरियों होगा. एक चरित्र सेट पटरी पर उभरा है. अलग वर्ण सेट, बाजार 48 वर्ण सेट में उपलब्ध हैं 64 और 96 वर्ण ढोल की set.One रोटेशन एक पंक्ति मुद्रित करता है. ड्रम प्रिंटर प्रति मिनट 300-2000 लाइनों के बीच में गति और गति में तेजी से कर रहे हैं.

लाभबहुत ही उच्च गति
नुकसानबहुत महंगा
वर्ण फोंट बदला नहीं जा सकता




श्रृंखला प्रिंटर

यह चेन Printers.A मानक वर्ण सेट 48, 64, 96 वर्ण हो सकता है कहा जाता है तो में चरित्र सेट के इस प्रिंटर श्रृंखला उपयोग किया जाता है.

लाभ
चरित्र फोंट आसानी से बदला जा सकता है.
अलग अलग भाषाओं में एक ही प्रिंटर के साथ प्रयोग किया जा सकता है.

नुकसान
शोर
वर्णों की किसी भी आकार मुद्रित करने की क्षमता नहीं है.



गैर प्रभाव प्रिंटर

रिबन के खिलाफ हड़ताली बिना और कागज पर अक्षर मुद्रित कि प्रिंटर, गैर प्रभाव प्रिंटर कहा जाता है. ये प्रिंटर पृष्ठ प्रिंटर के रूप में बुलाया भी, एक समय में एक पूरा पृष्ठ मुद्रित.
ये प्रिंटर दो प्रकार के होते हैं
लेजर प्रिंटर
Inkjet प्रिंटर
गैर प्रभाव प्रिंटर के लक्षण
प्रभाव प्रिंटर की तुलना में तेजी.
वे शोर नहीं कर रहे हैं.
उच्च गुणवत्ता.
कई फोंट और अलग चरित्र आकार का समर्थन करें.



लेजर प्रिंटर

ये गैर प्रभाव पृष्ठ प्रिंटर हैं. वे एक पृष्ठ पर मुद्रित करने के लिए पात्रों के फार्म की जरूरत डॉट्स का उत्पादन करने के लिए लेजर लाइट का उपयोग करें.

लाभ
बहुत ही उच्च गति.
बहुत उच्च गुणवत्ता का उत्पादन.
अच्छा ग्राफिक्स की गुणवत्ता दे.
कई फोंट और अलग चरित्र आकार का समर्थन करें.

नुकसान
महंगा.
एक भी मुद्रण में एक दस्तावेज़ के कई प्रतियां उत्पादन करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.



Inkjet प्रिंटर

Inkjet प्रिंटर एक अपेक्षाकृत नई तकनीक पर आधारित गैर प्रभाव चरित्र प्रिंटर हैं. वे कागज पर स्याही की छोटी बूंदों के छिड़काव से अक्षर मुद्रित. Inkjet प्रिंटर प्रदर्शन विशेषताओं के साथ उच्च गुणवत्ता के उत्पादन का उत्पादन.
कोई चोट किया जाता है क्योंकि वे कम शोर करते हैं और इन उपलब्ध प्रिंटिंग मोड के कई शैलियों है. रंगीन छपाई भी संभव है. इंकजेट प्रिंटर के कुछ मॉडल भी छपाई की कई प्रतियां उत्पादन कर सकते हैं.

लाभ
उच्च गुणवत्ता मुद्रण
अधिक विश्वसनीय
नुकसान
प्रति पृष्ठ लागत अधिक है के रूप में महंगा
लेजर प्रिंटर के लिए की तुलना के रूप में धीमा



Inkjet प्रिंटर  Inkjet प्रिंटर एक अपेक्षाकृत नई तकनीक पर आधारित गैर प्रभाव चरित्र प्रिंटर हैं. वे कागज पर स्याही की छोटी बूंदों के छिड़काव से अक्षर मुद्रित. Inkjet प्रिंटर प्रदर्शन विशेषताओं के साथ उच्च गुणवत्ता के उत्पादन का उत्पादन. कोई चोट किया जाता है क्योंकि वे कम शोर करते हैं और इन उपलब्ध प्रिंटिंग मोड के कई शैलियों है. रंगीन छपाई भी संभव है. इंकजेट प्रिंटर के कुछ मॉडल भी छपाई की कई प्रतियां उत्पादन कर सकते हैं.  लाभ उच्च गुणवत्ता मुद्रण अधिक विश्वसनीय नुकसान प्रति पृष्ठ लागत अधिक है के रूप में महंगा लेजर प्रिंटर के लिए की तुलना के रूप में धीमा  printers all about  of printers types introduced essay history etc in hindi

Thursday, January 17, 2019

मॉनिटर करने के लिए इस्तेमाल किया देखने के लिए स्क्रीन के दो प्रकार होते कैथोड रे ट्यूब (सीआरटी) मॉनिटर फ्लैट पैनल डिस्प्ले दो श्रेणियों में विभाजित हैं .

मॉनिटर्स

आमतौर पर दृश्य प्रदर्शन इकाई (वीडीयू) के रूप में बुलाया मॉनिटर एक कंप्यूटर के मुख्य आउटपुट डिवाइस है. यह एक आयताकार रूप में व्यवस्थित कर रहे हैं कि पिक्सल कहा जाता छोटे डॉट्स से छवियों, रूपों. छवि के तीखेपन नहीं पर निर्भर करता है. पिक्सल की.

मॉनिटर करने के लिए इस्तेमाल किया देखने के लिए स्क्रीन के दो प्रकार होते हैं.

  1. कैथोड रे ट्यूब (सीआरटी)
  2. फ्लैट पैनल डिस्प्ले

कैथोड रे ट्यूब (सीआरटी) मॉनिटर

CRT प्रदर्शन में इस तरह के शब्द में पत्र ई के रूप में short.The छोटे पिक्सल, बेहतर छवि स्पष्टता, या resolution.It पूरे चरित्र फार्म एक से अधिक प्रबुद्ध पिक्सेल लेता है, के लिए पिक्सल कहा जाता छोटी सी तस्वीर तत्वों से बना है मदद.
एक मानक चरित्र रखा जा सकता है जहां स्क्रीन पर निर्धारित स्थान - चरित्र की एक निश्चित संख्या के चरित्र बक्से की एक श्रृंखला में विभाजित किया जा सकता है once.The स्क्रीन पर एक स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जा सकता है.
सबसे स्क्रीन क्षैतिज और 25 लाइनें खड़ी डेटा के 80 अक्षर प्रदर्शित करने में सक्षम हैं. सीआरटी के कुछ नुकसान कर रहे हैं
साइज में बड़े
हाई पावर खपत



फ्लैट पैनल डिस्प्ले मॉनिटर

फ्लैट पैनल डिस्प्ले मात्रा, वजन और बिजली की आवश्यकता सीआरटी के लिए तुलना कम कर दिया है कि वीडियो उपकरणों के एक वर्ग को संदर्भित करता है. आप दीवारों पर उन्हें फांसी या अपनी कलाई पर उन्हें पहन कर सकते हैं. फ्लैट पैनल डिस्प्ले के लिए वर्तमान का उपयोग करता है कैलकुलेटर, वीडियो गेम, मॉनिटर, लैपटॉप कंप्यूटर, ग्राफिक्स प्रदर्शन में शामिल हैं.

फ्लैट पैनल डिस्प्ले दो श्रेणियों में विभाजित हैं

छोड़नेवाला दिखाता है - छोड़नेवाला दिखाता प्रकाश में विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कि उपकरणों रहे हैं. उदाहरण प्लाज्मा पैनल और एलईडी (प्रकाश उत्सर्जक डायोड) हैं.
गैर छोड़नेवाला दिखाता है - गैर छोड़नेवाला दिखाता ग्राफिक्स patterns.Example में कुछ अन्य स्रोत से सूरज की रोशनी या प्रकाश में परिवर्तित करने के लिए ऑप्टिकल प्रभाव का इस्तेमाल एलसीडी (लिक्विड क्रिस्टल डिवाइस) है
 

पहली पीढ़ी पहली पीढ़ी की अवधि 1946-1959 था. दूसरी पीढ़ी दूसरी पीढ़ी की अवधि 1959-1965 थादूसरी पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे: पांचवीं पीढ़ी पांचवीं पीढ़ी की अवधि की तारीख 1980 तक है. एअर इंडिया में शामिल पांचवीं पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर प्रकार हैं: कंप्यूटर के मुख्य पाँच पीढ़ियों को रहे हैं :

पहली पीढ़ी

पहली पीढ़ी की अवधि 1946-1959 था.

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) के लिए स्मृति और circuitry के लिए बुनियादी घटक के रूप में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग कर के साथ शुरू कर दिया. बिजली के बल्ब की तरह इन ट्यूबों गर्मी के एक बहुत का उत्पादन और प्रतिष्ठानों के लगातार fusing के लिए प्रवण थे, इसलिए बहुत महंगे थे और केवल बहुत बड़े संगठनों द्वारा afforded जा सकता है.
इस पीढ़ी में मुख्य रूप से बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया. इस पीढ़ी में छिद्रित कार्ड, कागज टेप, चुंबकीय टेप इनपुट और आउटपुट डिवाइस का इस्तेमाल किया गया.
मशीन कोड और बिजली का इस्तेमाल किया वायर्ड बोर्ड भाषाओं थे.

पहली पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

    l वैक्यूम ट्यूब तकनीक
    l अविश्वसनीय
    l समर्थित मशीन भाषा ही
    l बहुत महंगा
    l गर्मी की बहुत उत्पन्न
    l धीरे इनपुट / आउटपुट डिवाइस
    l विशाल आकार
    l एसी की आवश्यकता
    l पोर्टेबल गैरn
    l बिजली की खपत बहुत कुछ

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे:

ENIAC
एडवैक
यूनिवेक
आईबीएम-701
आईबीएम-650



दूसरी पीढ़ी

दूसरी पीढ़ी की अवधि 1959-1965 था.

ट्रांजिस्टर का उपयोग कर इस पीढ़ी सस्ता थे, कम बिजली की खपत, आकार में और अधिक कॉम्पैक्ट, वैक्यूम tubes.In इस पीढ़ी के बने पहली पीढ़ी मशीनों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और तेजी से, चुंबकीय कोर प्राथमिक स्मृति और चुंबकीय टेप और माध्यमिक के रूप में चुंबकीय डिस्क के रूप में इस्तेमाल किया गया भंडारण उपकरणों.
फोरट्रान तरह इस पीढ़ी विधानसभा भाषा और उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में, कोबोल इस्तेमाल किया गया.
बैच वहाँ प्रसंस्करण और ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया विविध कार्यक्रम किए गए.

दूसरी पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

l ट्रांजिस्टर का उपयोग करें
l के रूप में पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों के लिए विश्वसनीय तुलना
l पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में छोटे आकार
l पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में कम गर्मी पैदा
l पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में कम बिजली की खपत
l पहली पीढ़ी के कंप्यूटर से भी तेज
l फिर भी बहुत महंगा
l एसी की जरूरत
l समर्थन मशीन और assmebly भाषाओं

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे:

आईबीएम 1620
आईबीएम 7094
सीडीसी 1604
सीडीसी 3600
यूनिवेक 1108


तीसरी पीढ़ी

तीसरी पीढ़ी की अवधि 1965-1971 था.

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी transistors.A एकल आईसी के स्थान पर एकीकृत सर्किट का उपयोग करें (आईसी) कई ट्रांजिस्टर, प्रतिरोधों और संबद्ध circuitry.The आईसी जैक Kilby द्वारा आविष्कार किया गया था के साथ संधारित्र है द्वारा चिह्नित है. इस विकास के विश्वसनीय और कुशल, आकार में छोटे कंप्यूटर बनाया.
इस पीढ़ी रिमोट प्रसंस्करण, समय के बंटवारे, वास्तविक समय, बहु प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में इस्तेमाल किया गया.
उच्च स्तर की भाषा (चतुर्थ, कोबोल, पास्कल पी एल / 1, बुनियादी, ALGOL-68 आदि के लिए फोरट्रान द्वितीय) इस पीढ़ी के दौरान इस्तेमाल किया गया.

तीसरी पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

l आईसी इस्तेमाल किया
l अधिक विश्वसनीय
l छोटे आकार
l कम गर्मी पैदा
l तेज़
l कम रखरखाव
l फिर भी महंगा
l एसी की जरूरत
l खपत कम बिजली
l उच्च स्तर की भाषा का समर्थन

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे:

आईबीएम-360 श्रृंखला
हनीवेल-6000 श्रृंखला
पीडीपी (पर्सनल डाटा प्रोसेसर)
IBM-370/168
टीडीसी-316


चौथी पीढ़ी

चौथी पीढ़ी की अवधि 1971-1980 था.

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी के एक एकल चिप पर 5000 के बारे में ट्रांजिस्टर और अन्य सर्किट तत्वों और उनके संबद्ध सर्किट होने के बहुत बड़े पैमाने पर एकीकृत (वीएलएसआई) circuits.VLSI सर्किट के उपयोग के द्वारा चिह्नित किया गया है कि यह संभव चौथी पीढ़ी के सॉफ्टवेयर है करने के लिए बनाया है. फोर्थ जेनरेशन कंप्यूटर और अधिक शक्तिशाली, कॉम्पैक्ट, विश्वसनीय, और सस्ती हो गया. नतीजतन, यह पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) क्रांति को जन्म दिया है.
इस पीढ़ी टाइम शेयरिंग, वास्तविक समय, नेटवर्क में वितरित ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया.
जैसे सभी उच्च स्तरीय भाषाओं सी और सी + +, dBase आदि इस पीढ़ी में इस्तेमाल किया गया.

चौथी पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

l वीएलएसआई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल
l बहुत सस्ते
l पोर्टेबल और विश्वसनीय
l पीसी का उपयोग करें
l बहुत छोटे आकार
l पाइपलाइन प्रसंस्करण
l कोई एसी की जरूरत
l इंटरनेट की अवधारणा को पेश किया गया था
l नेटवर्क के क्षेत्र में बहुत अधिक विकास
l कंप्यूटर आसानी से उपलब्ध हो गया

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे:

स्टार 1000
पीडीपी 11
क्रे -1 (सुपर कम्प्यूटर)
क्रे एक्स सांसद (सुपर कम्प्यूटर)

पांचवीं पीढ़ी

पांचवीं पीढ़ी की अवधि की तारीख 1980 तक है.

पांचवीं पीढ़ी में, वीएलएसआई प्रौद्योगिकी दस लाख इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों होने माइक्रोप्रोसेसर चिप्स के उत्पादन में जिसके परिणामस्वरूप, ULSI (अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) प्रौद्योगिकी बन गया.
इस पीढ़ी के समानांतर प्रसंस्करण हार्डवेयर और ऐ (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) सॉफ्टवेयर पर आधारित है.
एअर इंडिया के साधन और कंप्यूटर इंसानों की तरह लगता है बनाने की विधि की व्याख्या करता है जो कंप्यूटर विज्ञान में एक उभरती शाखा है.
जैसे सभी उच्च स्तरीय भाषाओं सी और सी + +, जावा,. नेट आदि इस पीढ़ी में उपयोग किया जाता है.

एअर इंडिया में शामिल हैं:

रोबोटिक्स
तंत्रिका नेटवर्क
खेल खेल
वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में निर्णय लेने के लिए विशेषज्ञ प्रणालियों का विकास.
प्राकृतिक भाषा समझ और पीढ़ी.

पांचवीं पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

l ULSI प्रौद्योगिकी
l सच कृत्रिम बुद्धि का विकास
l प्राकृतिक भाषा संसाधन का विकास
l समांतर प्रोसेसिंग में उन्नति
l Superconductor के प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति
l मल्टीमीडिया सुविधाओं के साथ और अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस
l सस्ती दरों पर बहुत शक्तिशाली और कॉम्पैक्ट कंप्यूटर की उपलब्धता

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर प्रकार हैं:

डेस्कटॉप
लैपटॉप
नोटबुक
UltraBook
Chromebook
कंप्यूटर शब्दावली में जनरेशन एक कंप्यूटर / इस्तेमाल किया जा रहा है प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक परिवर्तन है. प्रारंभ में, पीढ़ी अवधि अलग हार्डवेयर प्रौद्योगिकी के बीच भेद करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. लेकिन आजकल, पीढ़ी एक साथ एक पूरे कंप्यूटर प्रणाली को बनाने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दोनों शामिल हैं.
आज तक जाना जाता है पूरी तरह से पांच कंप्यूटर पीढ़ियों हैं. हर पीढ़ी अपने समय अवधि, विशेषताओं के साथ साथ विस्तार discussedin किया गया है. हम सामान्य रूप से स्वीकार कर रहे हैं, जो प्रत्येक पीढ़ियों के खिलाफ अनुमानित तिथि का उपयोग किया है.

कंप्यूटर के मुख्य पाँच पीढ़ियों को रहे हैं

एस.एन.
उत्पादन एवं विवरण
1
पहली पीढ़ी
 पहली पीढ़ी की अवधि: 1946-1959. वैक्यूम ट्यूब आधारित है.
2
दूसरी पीढ़ी
 दूसरी पीढ़ी की अवधि: 1959-1965. ट्रांजिस्टर आधारित.
3
तीसरी पीढ़ी
 तीसरी पीढ़ी की अवधि: 1965-1971. इंटीग्रेटेड सर्किट आधारित.
4
चौथी पीढ़ी
 चौथी पीढ़ी की अवधि: 1971-1980. वीएलएसआई माइक्रोप्रोसेसर आधारित है.
5
पांचवीं पीढ़ी
 पांचवीं पीढ़ी की अवधि: 1980-onwards.ULSI माइक्रोप्रोसेसर आधारित

Photoshop All keyboard shortcut key PhootoShop ब

Photoshop All keyboard shortcut key

PhootoShop बहुत ही लोकप्रिय इमेज एडिटिंग एप्‍लीकेशन है, दुनियाभर के फोटोग्राफर, फोटोटैक्निशियन इसका प्रयोग प्रोफेशनली करते हैं, लेकिन वह माउस का प्रयोग बहुत ही कम करते है, ज्‍यादातर संस्‍थायें जो फोटोशॉप को प्रोफेशनली सिखाती है, वह कीबोर्ड शार्टकट की (keyboard shortcut key) का ही इस्‍तेमाल करती हैं, इससे आप बडी ही तेजी से फोटोशॉप में काम कर सकते हैं,
फोटोशॉप कीबोर्ड शार्टकट
 
यह शार्टकट फोटोशॉप के फाइल मेन्‍यू को इस्‍तेमाल करने के लिये है,
New FileCtrl+N
Open FileCtrl+O
BrowseShift+Ctrl+O
Open asAlt+Ctrl+O
Edit in ImageRedyShift+Ctrl+M
CloseCtrl+W
Close AllAlt+Ctrl+W
SaveCtrl+S
Sace As...Shift+Ctrl+S
Sace for WebAlt+Shift+ctrl+S
RevertF12
File Info..Alt+Ctrl+L
Page SetupShift+Ctrl+P
Print With PreviewAlt+Ctrl+P
Print..Ctrl+P
Print one CopyAlt+Shift+Ctrl+P
ExitCtrl+Q

फोटोशॉप में पासपोर्ट फ़ोटो बनाने का तरीका आपने मेरी पिछली

फोटोशॉप में पासपोर्ट फ़ोटो बनाने का तरीका

आपने मेरी पिछली पोस्ट में फोटोशॉप के टूल की जानकारी ली थी आज की पोस्ट के द्वारा मैं आपको 2 टूल का इस्तेमाल करना बताऊंगा और साथ ही साथ ये भी बताऊंगा कि किसी तरह आप फोटोशॉप में पासपोर्ट साइज़ की फ़ोटो बना सकते हो

पासपोर्ट साइज़ की फ़ोटो का इस्तेमाल किसी ना किसी रूप में होता रहता है फ़ोटो स्टूडियो से पासपोर्ट फ़ोटो खिचवाने में बहुत महंगा पड़ता है अगर आपको फोटोशॉप में पासपोर्ट फ़ोटो बनाना आ जाता है तो आप किसी भी लेब में जाकर उसका प्रिंट आउट मात्र 5 रूपये में ले सकते है जो मैं आपको पासपोर्ट साइज़ का फ़ोटो बनाना बता रहा हु वो 4x6 के साइज़ पर बता रहा हु 4x6 के फ़ोटो साइज़ का रेट हर लेब पर 5 रूपये है आपको 5 रूपये में 8 पासपोर्ट साइज़ की फ़ोटो मिल जायेगी जो कि मेरे हिसाब से किसी भी फ़ोटो स्टूडियो में खिचवाने पर सस्ती पड़ती है

अब शुरुआत करते है फोटोशॉप की पासपोर्ट फ़ोटो बनाने के लिए अपने फोटोशॉप को ओपन करे

अब चित्र के अनुसार ऊपर टूलबार में File पर क्लीक करके Opan पर क्लीक करे और वो फ़ोटो खोले जिसकी आपको पासपोर्ट साइज़ कि फ़ोटो बनानी है



फ़ोटो ओपन होने के बाद आपको क्रॉप टूल को सलेक्ट करना है क्रॉप का इस्तेमाल फ़ोटो को सलेक्ट किये हुवे भाग को काटना होता है इस टूल का इस्तेमाल हम फ़ोटो का साइज़ सलेक्ट करने में भी करते है
क्रॉप टूल सलेक्ट करने के बाद आपको चित्र के अनुसार ऊपर बुक्स में Width में 1.4 Height में 1.7 और Resolution में 300लिख कर एंटर का बटन दबा देना है



अब इस टूल से फ़ोटो को सलेक्ट करे सलेक्ट करते ही आपका फ़ोटो उसी साइज़ में कट जाएगा जो साइज़ आपने ऊपर बॉक्स में लिखा है



फ़ोटो का साइज़ बनाने के बाद ऊपर टूलबार में File पर क्लीक करके New पर क्लीक करे



क्लीक करते ही आपने सामने एक विंडो खुल जायेगी जिसमे आपको चित्र के अनुसार
Width 6 inches 
Height 4 inches 
Resolution 300 inches
Color Mode RGB Color
Background White
सलेक्ट करना है सलेक्ट करके ओके कर दे ओके करते ही आपकी एक न्यू फ़ाइल बन जायेगी जिसका साइज़ 4x6 inches होगा




अब आपको मूव टूल सलेक्ट करना है इस टूल को सलेक्ट करने के बाद ऊपर Auto-Select वाले बॉक्स पर याद से सलेक्ट कर दे अगर आप Auto-Select वाले बॉक्स पर राईट का निशान नहीं लगाएंगे तो आपका मूव टूल काम नहीं करेगा



अब आप मूव टूल से फ़ोटो को माउस से पकड़ कर उस फ़ाइल में डाले जो आपने 4x6साइज़ की बनायी है जैसा आप ऊपर चित्र में देख रहे है



नयी फ़ाइल में फ़ोटो आने के बाद आप फ़ोटो पर क्लीक करे और कीबोर्ड से Alt का बटन दबा कर फ़ोटो की एक और लेयर या कॉपी बना ले किसी फ़ोटो की 2 या कितनी भी लेयर बनाने के लिए हम Alt बटन के साथ फ़ोटो को ड्रेग करके न्यू लेयर बना सकते है या फिरCtrl J का बटन दबा कर भी न्यू लेयर बना सकते है
नयी लेयर बनाने के बाद आपके सामने लेयर बॉक्स में Layer 1 और Layer 1 Copy के नाम से आपको 2 लेयर दिखायी देगी जैसा आप ऊपर चित्र में देख रहे है



अब आप Layer 1 Copy पर क्लीक करके कीबोर्ड से Ctrl E का बटन दबाये ऐसा करते ही आपकी दोनों लेयर जुड़ जायेगी जैसा आप ऊपर चित्र में देख रहे है



अब आप फ़ोटो पर क्लीक करके और कीबोर्ड से Alt का बटन दबा कर फ़ोटो की 3 लेयर या कॉपी बना ले जैसे आपको ऊपर चित्र में दिखायी दे रहा है



अब आप Layer 1 Copy 3 पर क्लीक करके कीबोर्ड से Ctrl E का बटन 3 बार दबाये ऐसा करते ही आपकी चारो लेयर जुड़ जायेगी जैसा आप ऊपर चित्र में देख रहे है
अब आपके सामे एक ही लेयर होगी अब आप माउस से फ़ोटो को सलेक्ट करके बनी हुई फ़ोटो को बिच सेंटर में सेट कर सकते है जैसा ऊपर चित्र में दिखायी दे रहा है




अब आपकी फ़ोटो बनकर तैयार है अब इसे कीबोर्ड से Ctrl S का बटन दबा कर सेव करेCtrl S का बटन दबा कर जो आपके सामने विंडो खुलेगी उसमे आपको JPEG फ़ाइल को सलेक्ट करके फ़ोटो को सेव करना है क्युकी लेब की प्रिंटिंग मशीन से JPEG फॉर्मेट में बनी हुई फ़ोटो ही प्रिंट होती है

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via https://youtu.be/7ff47IhW4nQ